सम्पादकीय

आखिर कब तक...

Gulabi
10 Nov 2020 4:19 AM GMT
आखिर कब तक...
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देश के विभिन्न भागों से कभी बेटियों की इज्जत लूटने तो कभी उनके शोषण की खबर आती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश के विभिन्न भागों से कभी बेटियों की इज्जत लूटने तो कभी उनके शोषण की खबर आती है। हर बार सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलैक्ट्रोनिक ​मीडिया में 2-3 दिन तूफान आता है, फिर समय के साथ सब थम जाता है। आखिर में वह परिवार अकेला रह जाता ​है जिसकी बेटी के साथ हादसा होता है। बाकी सभी अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त हो जाते हैं, क्योंकि हर कोई अपनी समस्याओं से जूझ रहा है।

परन्तु पिछले दिनों हरियाणा में जो घटनाएं सामने आईं, उन्होंने सबका दिल दहला दिया। एक तो हैवानियत को भी शर्मसार कर गई कि वैंटीलेटर पर पड़ी लड़की के साथ 6 दिन तक बलात्कार होता रहा। इस घटना को कौन अंजाम दे रहा था यह तो सामने आ ही जाएगा, परन्तु यह सब अकेला आदमी नहीं कर सकता, जरूर कुछ लोगों की मिलीभगत से हो रहा होगा। वाक्या ही इस घटना से इंसानियत शर्मिंदा है। दूसरी घटना में दिन-दहाड़े एक लड़की को लव जिहाद के नाम पर मार दिया गया। ​कितने हौंसले बढ़ते जा रहे हैं इन लोगों के। पिछले दिनों जालंधर से प्रमुख समाजसेवी महिलाओं का मुझे फोन आया और पत्र भी उन्होंने भेजा कि कैसे एक संस्था, जिस पर लोगों को अंधविश्वास है, लोगों का धर्म परिवर्तन कर रही है और हर गलत काम वहां हो रहा है।

सच पूछो तो सारा देश मेरा है, देश में रहने वाली किसी भी नारी के साथ अन्याय और ज्याद​ती चिंता का विषय है। जहां हम देश को विश्व गुरु बनाने की ओर जा रहे हैं, सारी दुनिया भारत का लोहा मान रही है। जहां हमारे देश के प्रधानमंत्री ने भारत का नाम ऊंचा किया है, हम विदेशों में जाकर गर्व से बताते हैं कि हम भारतीय हैं वहीं दूसरी ओर कुछ गंदे नीच लोग अपनी हवस, भूख आैर पैसा कमाने के लालच में अपने देश की बहू-बेटियों की इज्जत नीलाम करने पर उतारू हैं, उन्हें बेटियां भोग की वस्तु ही नजर आती हैं।

मुझे हरियाणा और पंजाब से खास लगाव है क्योंकि मैं पंजाब में जन्मी-पली, पढ़ी हूं। विशेषकर जालंधर जहां मैं पढ़ी भी, ब्याही भी गई और हरियाणा जो मेरे पति की कर्मस्थली है, जहां मैंने अपने पति के साथ मिलकर महिलाओं के लिए बहुत काम ​किया, वहां की महिलाओं को समझा और वहां के हालात को भी समझा।

पंजाब के सीएम मेरे पति के बहुत अच्छे मित्र रहे और हरियाणा के सीएम भी मेरे पति के बहुत अच्छे मित्र और सहयोगी रहे। दोनों ने पंजाबियों की आवाज उठाई, परन्तु जब काम करने का समय आया तो सभी जातियों और वर्गों के लिए काम किया। यानी दोनों प्रदेशों के राजा यानी सीएम अनुभवी और कर्मयोगी हैं परन्तु यह स्थिति उनके लिए भी कठिन हो जाती है क्योंकि यह सही है कि हर लड़की के पीछे सिक्योरिटी नहीं हो सकती। यह तो समाज और शहर, राज्य के लोग हैं जो इन घटनाओं को अंजाम होने से पहले रोक सकते हैं। हरियाणा की महिलाएं हों या पंजाब की, बहुत ही कर्मठ एवं संस्कारों वाली हैं। काम करना जानती हैं, मर्यादाओं को निभाना जानती हैं परन्तु फिर भी आए दिन दुर्घटनाओं का शिकार हो रही हैं और वो भी ऐसी कि जो भी सुने शर्मसार हो जाए।

इसी तरह यूपी के लखनऊ, फिरोजाबाद, मुरादाबाद और नोएडा के अनेक हिस्सों में और 24 घंटे पहले पुणे में एक लड़की से बलात्कार की खबर मिली। हर बार की तरह बलात्कारी भाग निकले। हर बार पुलिस का वही जवाब कि बलात्कारी बख्शे नहीं जाएंगे। इसलिए लोग सोशल मीडिया पर कहने लगे हैं कि पुलिस और प्रशासन से भरोसा उठ रहा है। हैदराबाद की महिला डाक्टर के रेपिस्ट हों या फिर बिकरू कांड का गुनहगार या उसके साथी लोग, उनके एनकाउंटर करने वाले पुलिस कर्मचारियों का फूलों के हार से स्वागत करती है। इसलिए अब समय आ गया है कि हरियाणा हो या पंजाब या दिल्ली, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर बेटी की रक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए।

पुलिस, सरकार, समाज और घर के व्यक्ति या रिश्तेदारों को बेटियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना होगा, क्योंकि बेटी है तो घर है, समाज है, शहर है, गांव है, देश है। बेटी मजबूत है तो आने वाले देश का भविष्य मजबूत होगा। यह तभी होगा जब अपराधी बच न पाएं। उसको वैसी ही सजा उसी समय मिल जाए जब उसने अपराध ​किया हो। हमें कड़े कदम उठाने होंगे अगर बेटियों को बचाना चाहते हैं। अभी भी अधिकतर लोगों की सोच और मानसिकता बेटियों के प्रति छोटी और गलत है। सिर्फ रेप या मर्डर ही नहीं अधिकतर लोग ऐसे भी हैं जो अपने घरों की बहू-बेटियों को आगे नहीं बढ़ने देते हैं। कदम-कदम पर उन्हें अहसास कराते हैं तुम लड़की हो, इसलिए कमजोर हो, ​पीछे रहो। कोई लड़कियों का आंखों से शोषण करता है, कोई उसका हक मार कर करता है, परन्तु सब भूल रहे हैं कि यह देवी भी है और दुर्गा भी। अब समय आ रहा है कि लड़कियां, बेटियां दुर्गा का रूप धारण करेंगी।

Gulabi

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