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- विचार: परिवार संस्कार...
भौतिकता के बाजार में सब कुछ उपलब्ध है और उसे पैसे द्वारा खरीदा जा सकता है, पर क्या बहन का पवित्र स्नेह, मां की ममता, पिता का वात्सल्य, पत्नी का प्यार कीमत देकर खरीदा जा सकता है, कदापि नहीं। विश्व भर में कोई संगठन, कंपनी ऐसी नहीं है, जो इसका व्यापार करती हो। परिवार नाम की संस्था ही एकमात्र ऐसी संस्था है, जहां यह मिल सकता है।
पति-पत्नी, पिता-पुत्र, मां-बेटी, भाई-बहन आदि के सुमधुर संबंध मानव परिवार में ही दिखाई देते हैं। संसार में जितने भी जीव हैं, उनमें परिवार नाम की संस्था केवल मनुष्यों को ही मिली है, जो जीवनपर्यंत संबंधों की स्थिरता और प्रगाढ़ता को बनाए रखती है। प्रसिद्ध समाजशास्त्री हेलेन बोसा ने अपनी पुस्तक द फैमिली में लिखा है कि 'संसार बिना परिवार के उसी प्रकार होगा, जैसे सूर्य बादल से ढक सकता है किंतु उसकी आभा कभी खत्म नहीं हो सकती। वैसे ही कुटुंब-व्यवस्था की दीवार कोई अपने आचरण से हिला तो सकता है, परंतु उसका महत्व कभी कम नहीं होगा।'
सोर्स: अमर उजाला