सम्पादकीय

जिन्हें छवि पर काम करना हो वे 24 घंटे में कुछ समय अपनी सांस के प्रति जागरूक रहें

Gulabi
18 Feb 2022 8:07 AM GMT
जिन्हें छवि पर काम करना हो वे 24 घंटे में कुछ समय अपनी सांस के प्रति जागरूक रहें
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यह कई काम एक साथ करने का समय है
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:
यह कई काम एक साथ करने का समय है। वह दौर चला गया कि जिंदगी में कोई एक काम करो और उसी से रिटायर हो जाओ। अब एक नौकरी, एक व्यवसाय से काम नहीं चलेगा। शिक्षा के मामले में किसी विद्यार्थी के लिए क्रम हुआ करता था- पढ़ो, सीखो, अर्जित करो और बांटो। लेकिन, अब विद्यार्थी को ये चारों काम एक साथ करना पड़ेंगे।
फिर, जब बात कमाने की आए तो धन, पद-प्रतिष्ठा, सुविधाओं के साथ एक कमाई और होना चाहिए, छवि की। जिन्हें छवि पर काम करना हो उन्हें 24 घंटे में कुछ समय अपनी सांस के प्रति जागरूक रहना होगा। चूंकि सांस का सिलसिला चलता रहता है, तो हम इसके प्रति लापरवाह हैं। वह अपने आप आ रही है, अपने आप जा रही है।
लेकिन, यदि कुछ समय आंखें बंद, कमर सीधी करके आती-जाती सांस को देखने लगें तो इसे शास्त्रों में कहा है 'आस्थित:।' इसका सीधा अर्थ है अपने आप में स्थित हो जाना। यहीं हमें अपनी सबसे सही छवि दिखेगी और उसी का प्रभाव बाहर लोगों को नजर आएगा। तो अपनी कमाई में छवि अवश्य शामिल होना चाहिए।
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