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- यह बेहतरी का वर्ष
आज बहुप्रतीक्षित नववर्ष का स्वागत है। हां, कुछ वर्ष ऐसे होते हैं, जिनके बारे में लगता है कि जल्दी बीत जाएं, 2021 भी एक ऐसा ही बोझिल वर्ष था। आज धूल, कोहरे और बादल में सूर्य के दर्शन कई जगह दुर्लभ होंगे, कई जगह धूप भले न खिली हो, लेकिन स्याह रात ढलने के बाद जो प्रकाश पसरा है, वह सूर्य के होने का प्रमाण है। इस धूल, कोहरे और बादल में हमारी कितनी नाकामी छिपी है, यह इस वर्ष हमारे विमर्श का पहला विषय होना चाहिए। जलवायु की चिंता के इस महत्वपूर्ण समय में हमें प्रकृति का ऋण भलीभांति चुकाना होगा। हवा, जल, आकाश से हमें जो नि:शुल्क स्नेह और जीवन मिलता है, क्या उसके बारे में कभी हम सोचते हैं? हमने क्या प्रकृति से केवल लेना-छीनना ही सीखा है, हम प्रकृति को देते क्या हैं? प्रकृति का हम पर जो ऋण है, उसे लौटाने का वर्ष आ गया है। हमें तय करना होगा कि हम समस्या का हिस्सा हैं या समाधान के माध्यम। पिछले वर्ष हमने ऑक्सीजन की जिस किल्लत का सामना किया है, उसके स्थायी समाधान के लिए हमें काम करना होगा। पिछले वर्ष पुरानी बीमारियों ने जिस तरह से दर्द दिया है, उसे याद रखते हुए हमें छोटी से छोटी बीमारी को भी गंभीरता से लेना होगा।
हिन्दुस्तान