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- शराबबंदी का ये सच!
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में 2015 में लागू की गई शराबबंदी तब से देश भर में चर्चित है। लेकिन अब इसका सच सामने आया है। सच यह है कि यह कदम सिरे से नाकाम साबित हुआ है। ये दीगर बात है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस सच को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। अपने देश में अक्सर नेता अपनी नाकामियों को स्वीकार नहीं करते। लेकिन उससे हकीकत बदल नहीं जाती है। बिहार की शराबबंदी की पोल हाल में जारी हुई राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)- 2020 रिपोर्ट ने खोली है। इसके अब सामने आए ब्योरे के अनुसार ड्राई स्टेट होने के बावजूद बिहार में महाराष्ट्र से ज्यादा लोग शराब पी रहे हैं। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 15.5 प्रतिशत पुरुष शराब का सेवन करते है। महाराष्ट्र में शराब प्रतिबंधित नहीं है, लेकिन शराब पीने वाले पुरुषों की तादाद 13.9 फीसदी ही है। अगर शहर और गांव के परिप्रेक्ष्य में देखें, तो बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में 15.8 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 14 फीसदी लोग शराब पीते हैं।