सम्पादकीय

यह नफरत रोकनी होगी, दोषियों को मिले कड़ी सजा

Subhi
30 Jun 2022 3:29 AM GMT
यह नफरत रोकनी होगी, दोषियों को मिले कड़ी सजा
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राजस्थान के उदयपुर में दो व्यक्तियों ने दिन-दहाड़े दुकान में घुसकर जिस नृशंसता के साथ टेलर की हत्या की, वह बेचैन करने वाली है। हत्या की वजह यह थी कि टेलर के सोशल मीडिया अकाउंट से बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान का समर्थन किया गया था।

नवभारत टाइम्स; राजस्थान के उदयपुर में दो व्यक्तियों ने दिन-दहाड़े दुकान में घुसकर जिस नृशंसता के साथ टेलर की हत्या की, वह बेचैन करने वाली है। हत्या की वजह यह थी कि टेलर के सोशल मीडिया अकाउंट से बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान का समर्थन किया गया था। हालांकि खबरों के मुताबिक टेलर का कहना था कि उसके बेटे ने गलती से उसके फोन से वह टिप्पणी पोस्ट कर दी थी और उसे इसके बारे में तब तक पता नहीं था जब तक कि उसके नाम से धमकियां नहीं आने लगीं। बहरहाल, उस टिप्पणी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जा चुका था और पुलिस ने टेलर को गिरफ्तार भी किया था। बाद में वह अदालत से जमानत पर छूटकर आया था। मगर धमकियों का सिलसिला चलता रहा और मंगलवार को इस जघन्य कृत्य में उसकी परिणति हुई।

इस घटना का किसी भी रूप में बचाव नहीं किया जा सकता। कोई भी बयान, किसी भी तरह का गुस्सा या भावनाओं को पहुंची कितनी भी गहरी चोट इस घटना का बहाना नहीं बन सकती। पुलिस ने हत्या करने वाले और उसका विडियो बनाने वाले दोनों शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। इन्हें तो कानून के तहत अधिकतम संभव कड़ी सजा दिलाई ही जाए, लेकिन घटना के हर पहलू की विस्तृत जांच भी होनी चाहिए। अच्छा है कि एनआईए ने आतंक के ऐंगल से भी जांच शुरू कर दी है। अगर इसके पीछे साजिश का कोई पहलू है तो उसका भी पता लगाना चाहिए और सभी संबंधित लोगों की पहचान कर उन्हें सजा दिलाई जानी चाहिए। समझना जरूरी है कि इस तरह की घटना समूचे राष्ट्र की चेतना को तो झकझोरती ही है, अक्सर लोकमानस में निर्णायक बदलाव का भी कारण बनती है।

समाज के समझदार और संवेदनशील तत्वों पर आज यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि इस घटना की प्रतिक्रियाएं नेगेटिव रूप न लें। अच्छी बात यह है कि अभी तक सभी पक्षों ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया संयत रूप में ही दी है। समाज और राजनीति के हर हिस्से ने घटना की तीखे शब्दों में निंदा की है। ध्यान रहे, दुनिया के जिस किसी इलाके में इस तरह की घटनाएं रूटीन का हिस्सा बनती हैं, वहां इनके पीछे नफरत का कोई स्थायी स्रोत पहले ही तैयार किया जा चुका होता है। नफरत और गुस्से की नियमित खुराक के बगैर ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाली सोच नहीं पल सकती। अपने समाज से भी हमें उन प्रवृत्तियों की पहचान करके उन्हें खत्म करना होगा, जो जाने-अनजाने किसी खास धर्म, जाति या समूह के प्रति नफरत को जन्म देने या उसे फैलाने का काम करती हैं। ऐसे लोग किसी भी धर्म, जाति या क्षेत्र के हों, उन्हें हर हाल में रोका जाना चाहिए। विकास की बुलंदियां छूने के लिए हमें शांति, प्रेम और सौहार्द का माहौल चाहिए न कि नफरत और हिंसा का।


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