सम्पादकीय

आजाद भारत में ऐसा न हुआ, न होगा

Gulabi Jagat
1 Feb 2025 2:51 PM GMT
आजाद भारत में ऐसा न हुआ, न होगा
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बहुत से लोग सोचते हैं कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री भगवा पोशाक पहनते हैं, इसलिए एक "सन्यासी" हैं, लेकिन उनके बारे में जो तथ्य सामने आए हैं वो चौंकाने वाले ओर प्रेरणादाई हैं। सबको चुनौती है आज तक जितने मुख्यमंत्री हुए हैं और जितने वर्तमान समय में हैं, उनको भी अपना संक्षिप्त परिचय देना चाहिएl
_अजय मोहन बिष्ट (ओरिजिनल नाम) सन्यास के बाद योगी आदित्यनाथ
_आयु-50 वर्ष
_जन्म स्थान- पंचूर गाँव,गढ़वाल, उत्तराखंड
_एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से उत्तर प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक अंक (100%)
_योगी मूलरूप से गणित के छात्र हैं, जिन्होंने बीएससी गणित स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण किया है।
_भारतीय सेना की सबसे पुरानी गोरखा रेजीमेंट के आध्यात्मिक गुरु हैं।
_नेपाल में योगी समर्थक का विशाल समूह है, जो योगी को गुरु के रूप में पूजते हैं।
_मार्शल आर्ट में अद्भुत उत्कृष्टता। चार लोगों को एकसाथ हराने का रिकार्ड।
_उत्तर प्रदेश के जाने-माने तैराक। कई विशाल नदियां पार की।
_एक लेखा विशेषज्ञ जो कंप्यूटर को भी हरा देता है। प्रसिध्द गणितज्ञ शकुंतला देवी ने भी योगी की तारीफ की।
_चौबीस घंटों में केवल 04 घंटे की नींद। रोजाना सुबह 3:30 बजे उठ जाते हैं।
_योग, ध्यान, गोशाला, आरती, पूजा प्रतिदिन की दिनचर्या है।
_दिन में सिर्फ दो बार ही खाते हैं।
_पूर्णतः शाकाहारी। भोजन में शामिल रहता है कन्द, मूल, फल और देशी गाय का दूध।
_वह अब तक किसी भी कारण से कभी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए।
_योगी आदित्यनाथ एशिया के सर्वश्रेष्ठ वन्यजीव प्रशिक्षकों में से एक हैं, उन्हें वन्यजीवों से बहुत प्रेम है।
_योगी का परिवार अभी भी उसी स्थिति में रहता है, जैसा उनके सांसद या मुख्यमंत्री बनने के पहले रहता था।
_योगी सालों पहले सन्यास लेने के बाद सिर्फ एक बार घर गए हैं।
_योगी का सिर्फ एक बैंक अकाउंट है और कोई जमीन संपत्ति उनके नाम नहीं है और न ही उनका कोई खर्च है।
_अपने भोजन कपडे का खर्च वो स्वयं के वेतन से करते हैं और शेष पैसा राहत कोष में जमा कर देते हैं।
ये है योगी आदित्यनाथ की प्रोफाइल:
योगी के सोने वाले कमरे मे कोई AC या रूम कूलर नही है, केवल एक सीलिंग फैन है।
योगी एक लकडी के तख्त पर एक कम्बल, उसके उपर चादर बिछाकर सोते है, (No Dunlop Cushion & Pillow)
भारत में एक सच्चे लीडर की प्रोफाइल ऐसी ही होनी चाहिए। ऐसे संत ही भारत को फिर से विश्व गुरु बना सकते हैं।
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