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- देश को महंगा न पड़े...
प्रियदर्शन दिवाली की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज़ कम करके लोगों को दिवाली की सौगात दे डाली. पेट्रोल पांच रुपये और डीज़ल दस रुपये सस्ता कर दिया. उसकी देखादेखी कुछ राज्यों ने भी वैट घटाया. लेकिन इस सौगात के बावजूद ज़्यादातर शहरों में पेट्रोल 100 रुपये के पार बिक रहा है. जिस शाम पेट्रोल-डीज़ल सस्ते होने की ख़बर आई, उस शाम एनडीटीवी इंडिया के हमारे सहयोगी सुनील सिंह एक पेट्रोल पंप पर जा पहुंचे. उन्होंने वहां पेट्रोल भरा रहे लोगों से पूछा कि उन्हें इस कटौती से कितनी राहत मिली है? लगभग सबने बताया कि पेट्रोल 115 रुपये लीटर है, अब 110 रुपये का हो जाएगा, लेकिन यह 100 रुपये लीटर हो जाता तो सचमुच राहत होती.
तो यह हिंदुस्तान में महंगाई का 'न्यू नॉर्मल' है. लोग अब सौ रुपये लीटर तक पेट्रोल के दाम पर संतोष करने को तैयार हो गए हैं. यह 'न्यू नॉर्मल' उन लोगों ने बनाया है जो कल तक 35 रुपये लीटर पेट्रोल-डीज़ल बेचने का दावा करके सत्ता में आए थे. ये वही लोग हैं जो पहले पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों पर चुटकुले बनाया करते थे, इसे प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी की उम्र से जोड़ने का लगभग अभद्र मज़ाक करते थे. लेकिन वही लोग अब महंगाई की शिकायत करने वालों पर चुटकुले बना रहे हैं. वे बता रहे हैं कि देश बुलेट ट्रेन के लिए पैसे जुटा रहा है और ये आलू-गोभी के दाम पूछ रहे हैं. बीजेपी अब अपने लोगों को यह समझा रही है कि पेट्रोल के दाम बढ़ाना विकास के लिए ज़रूरी है. सीधा और मोटा तर्क है- ज़्यादा टैक्स आएगा तो सरकार के पास ज़्यादा पैसा आएगा. ज़्यादा पैसा आएगा तो सरकार विकास के लिए ज़्यादा पैसे ख़र्च कर सकेगी.