सम्पादकीय

ये देश अपनी विविधता में ऐसे गुलजार है, जैसे बगीचे में फूल- यहां रावण जलता भी है और पूजा भी जाता है

Gulabi
8 Dec 2020 3:33 PM GMT
ये देश अपनी विविधता में ऐसे गुलजार है, जैसे बगीचे में फूल- यहां रावण जलता भी है और पूजा भी जाता है
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रावण एक बार फिर चर्चा में है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रावण एक बार फिर चर्चा में है. चर्चा की वजह अभिनेता सैफ अली खान का एक इंटरव्‍यू है, जिसमें उन्‍होंने रावण के मानवीय पक्ष की बात की. सैफ अली खान ओम राउत की फिल्‍म आदिपुरुष में रावण का किरदार निभा रहे हैं. फिलहाल विवाद को बढ़ता देख सैफ ने तो माफी मांग ली, लेकिन हमने अपने इतिहास में उतरकर रावण से जुड़ी उन कहानियों को खोजने की कोशिश की, जो हमारे लोकमानस में बरसों से मौजूद हैं. राम और रावण से जुड़ी वो लोककथाएं, जो अनेकों वर्षों से सुनाई जाती रही हैं.


यदि देश के एक हिस्‍से में राम की पूजा होती है और रावण को जलाया जाता है तो वहीं दूसरे हिस्‍से में रावण की भी पूजा की जाती है. इतिहास में उतरकर देखें तो पाएंगे कि यह कोई विवाद का विषय नहीं है, न ही इसके पीछे मंशा किसी की भावना को आहत करने की है. असल बात यह है कि कोई भी समृद्ध समाज और संस्‍कृति इतनी ही विविधतापूर्ण होती है. जैसे सबसे सुंदर और सबसे गुलजार बगीचे में सब रंगों के फूल होते हैं, वैसे ही है संस्‍कृति और जीवन भी. सब तरह के विचारों, भावनाओं को लोककथाओं में, जनमानस के विश्‍वास में जगह हुई है और इन्‍हीं कथाओं और विश्‍वास से मिलकर बना है हमारा देश.

भारत में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में कुछ ऐसे स्‍थान हैं, जहां रावण की पूजा की जाती है. इसके पीछे उनकी अपनी जनश्रुतियां और लोककथाएं हैं. आइए उन कहानियों पर एक नजर डालते हैं.


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