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NI एडिटोरियल: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के इस सुझाव पर भारत सहित सभी देशों को जरूर ध्यान देना चाहिए कि अब जरूरत टैक्स ढांचे को न्यायपूर्ण बनाने की है। आईएमएफ की ये चेतावनी भी अहम है कि अगर कर ढांचे को न्याय पूर्ण नहीं बनाया गया, तो सामाजिक अशांति भड़क सकती है। तो उसने नुस्खा दिया है कि अब जरूरत निम्न और मध्य आय वर्ग के लोगों पर कर्ज का बोझ घटाने और उसकी भरपाई धनी लोगों पर टैक्स बढ़ा कर करने की है। ये बात ध्यान में रखने की है कि आईएमएफ दुनिया भर के देशों को कर्ज उपलब्ध कराता है। कर्ज देने के साथ आम तौर पर वह ऐसी शर्तें थोपता रहा है, जिन्हें धनी तबकों और धनी देशों के हित में माना जाता है। लेकिन कोरोना महामारी के बाद पैदा हुए हालात में उसने अपनी सोच बदली है। अब उसने बढ़ी आर्थिक गैर- बराबरी का जिक्र करते हुए ध्यान दिलाया है कि कोरोना महामारी के कारण डिजिटल सेवाओं का उपयोग बढ़ गया है। इसका बुरा असर तकनीकी रूप से अकुशल कर्मियों पर पड़ेगा। इस वजह से बेरोजगारी बढ़ेगी।