सम्पादकीय

एक ऐसा खाली समय भी होना चाहिए जिसमें हम खुद पर नजर रखें

Gulabi
19 Feb 2022 8:55 AM GMT
एक ऐसा खाली समय भी होना चाहिए जिसमें हम खुद पर नजर रखें
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ऊपर वाले ने हम मनुष्यों की जिंदगी के सभी महत्वपूर्ण हिस्सों को फिफ्टी-फिफ्टी में बांटा है
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:
ऊपर वाले ने हम मनुष्यों की जिंदगी के सभी महत्वपूर्ण हिस्सों को फिफ्टी-फिफ्टी में बांटा है। शरीर से शुरू करें तो स्त्री और पुरुष। फिर, हमारी प्रोफेशनल, फैमिली लाइफ। फिजिकल, मेंटल हेल्थ। एक आध्यात्मिक व्यक्ति जीवन के सभी महत्वपूर्ण हिस्सों को दो भागों में बांट लेता है। 24 घंटे में से यदि आपके पास काम करने के लिए 12 घंटे हैं तो उन 12 घंटों को दो भाग में बांटें।
यानी हर एक घंटे में 30-30 मिनट के दो भाग। प्रयोग करके देखिए कि 30 मिनट यदि जमकर काम कर रहे हैं तो अगले 30 मिनट उसी काम को अलग ढंग से करें। काम वो ही होगा, ढंग बदल जाएगा। एक ढंग सांसारिक, दूसरा आध्यात्मिक। काम का आधा भाग भगवान के भरोसे छोड़कर करें और बाकी खुद के परिश्रम से जोड़कर करें।
घंटे के दूसरे भाग में स्वयं से जुड़कर थोड़ा एकांत में उतरकर काम करेंगे तो बहुत जल्दी खुद से जुड़ जाएंगे। एक ऐसा खाली समय भी होना चाहिए जिसमें हम खुद पर नजर रखें। यह एक योग का अभ्यास है। करके देखिएगा, आपका आत्मविश्वास तेजी से बढ़ने लगेगा।
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