सम्पादकीय

विजय हजारे ट्रॉफी के बाद मंजिलें और भी हैं

Gulabi
3 Jan 2022 5:07 AM GMT
विजय हजारे ट्रॉफी के बाद मंजिलें और भी हैं
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हिमाचल के लाल मदन लाल ने 17 रन का बहुमूल्य योगदान दिया
हिमाचल के लाल मदन लाल ने 17 रन का बहुमूल्य योगदान दिया। उस वक्त वेस्टइंडीज की टीम दुनिया में सर्वश्रेष्ठ थी। आग उगलने वाले गेंदबाज थे। एंडी राबर्ट ने 3 विकेट लिए। मैल्कम मार्शल, माइकल होल्डिंग , लेरी गोम्स ने तीन-तीन विकेट लिए। एक विकेट ज्योल गार्नर ने लिया। 183 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जब दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सलामी जोड़ी गार्डन ग्रीनिज व डेसमंड हेंस उतरी तो ऐसा लगा कि वेस्टइंडीज आसानी से लगातार तीसरी बार विश्व विजेता बन जाएगी। बलविंद्र सिंह संधु ने कमाल करते हुए ग्रीनिज को 1 रन पर ही पैवेलियन भेज दिया। हर गेंद पर भूखे शेर की तरह टूट कर पड़ रहे रिचर्ड 33 रन बनाकर चलते बने। हेंस ने 13, कप्तान क्लाइव लायड ने 8, ज्योफ डुजोन ने 25 , फाउड वैक्स ने 8, मार्शल ने 18 व होल्डिंग ने 6 रन बनाए….
हाल ही में हिमाचल ने विजय हजारे ट्राफी जीतकर तहलका मचा दिया है। तामिलनाडू जैसी बड़ी टीम को हराकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। मंडी के ऋषि धवन देश के लिए खेले हैं। उम्मीद है इस ऐतिहासिक जीत के बाद कई और प्रतिभाएं भी सामने आएंगी। प्रेरित होंगी। इस जीत के बाद हिमाचल ने देशभर में अपना दबदबा कायम किया है। भारतीय क्रिकेट टीम में प्रदेश के युवा खिलाड़ी देखने को मिलेंगे, इस जीत से बड़ी संभावनाएं दिख रही हैं। प्रदेश का भारतीय टीम में प्रतिनिधित्व बहुत ही कम रहा है। अतीत में झांकंे तो बहुत कम खिलाड़ी प्रदेश से भारतीय टीम में आए हैं। ले-देकर मदन लाल ही हैं। राजीव नैयर ने सबसे ज्यादा वक्त तक क्रीज पर रहने का रिकार्ड बनाया है। इससे पहले यह कीर्तिमान पाकिस्तान के हनीफ मोहम्मद के नाम था। कहते हैं जिद के अगले मोड पर जीत बैठी होती है। जीत को जिद, जज्बा, जोश, जोर व जद्दोजहद बड़े प्रिय होते हैं। भारत ने लार्ड्स मंे 25 जून 1983 को वेस्टइंडीज को धूल चटाकर क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत कर इतिहास रच दिया था। जीत की इस गौरव गाथा में हमीरपुर के बड़सर उपमंडल के आदरी गांव के मदन लाल की जिद थी। क्योंकि उन्होंने कप्तान कपिल देव निखंज से एक ओवर के लिए जिद क्या, गेंद छीनने पर आ गए थे। कपिल देव यह जोखिम लेने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे। दरअसल विस्फोटक बल्लेबाज विवियन रिचर्ड हर गेंद को सीमा से बाहर फेंक रहे थे व मदन लाल के ओवर में लगातार तीन चौके जड़ दिए थे। मन मसोस कर कपिल देव ने मदन लाल को एक ओवर दे ही दिया। किस्मत व कमाल देखिए कि मदन लाल ने धुआंधार बल्लेबाजी कर रहे विवियन रिचर्ड को कपिल देव के हाथों ही कैच आउट करवा दिया।
यही ओवर टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ व फिरंगियों के देश में 30 हजार दर्शकों के सामने भारत विजेता बन गया। कुछ साल पहले एक कार्यक्रम में यह बात खुद कपिल देव ने मदन लाल के बारे में कही थी, विवियन रिचर्ड की मौजूदगी में। इस असंभव कैच के बारे में कपिल देव ने बताया कि जब वह कैच लपकने के लिए पीछे की तरफ दौड़ रहे थे तो ऐसा लगा कि कोई खिलाड़ी फाइन लेग की तरफ से आ रहा है। मैंने जोर से आवाज लगाई की पीछे हट जाओ, यह मेरा कैच है। उस वक्त मेरा दिल धक-धक कर रहा था, पर कैच लेने के बाद ही करार आया। पहली बार ऐसा लगा कि अब हम वर्ल्ड कप जीत ही लेंगे। विवियन रिचर्ड ने कहा कि मैं बहुत अच्छा खेल रहा था कि पता नहीं कपिल कहां से आ गए व अविश्वसनीय कैच लपक लिया। इसे कोई दूसरा नहीं ले सकता था। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 54.5 ओवर में महज 183 रन का लक्ष्य वेस्टइंडीज के सामने रखा था। सलामी बल्लेबाज के. श्रीकांत ने सबसे ज्यादा 38 रन बनाए थे। सुनील गावस्कर ने 2 ही रन बनाए। महेंद्र अमरनाथ ने 26, यशपाल शर्मा ने 11, संदीप पाटिल ने 27, कीर्ति आजाद शून्य, रोजर बिन्नी 2, सैयद किरमानी 14 व बलबिंद्र सिंह संधु ने 11 रन ठोके थे। हिमाचल के लाल मदन लाल ने 17 रन का बहुमूल्य योगदान दिया। उस वक्त वेस्टइंडीज की टीम दुनिया में सर्वश्रेष्ठ थी। आग उगलने वाले गेंदबाज थे। एंडी राबर्ट ने 3 विकेट लिए। मैल्कम मार्शल, माइकल होल्डिंग , लेरी गोम्स ने तीन-तीन विकेट लिए। एक विकेट ज्योल गार्नर ने लिया। 183 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जब दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सलामी जोड़ी गार्डन ग्रीनिज व डेसमंड हेंस उतरी तो ऐसा लगा कि वेस्टइंडीज आसानी से लगातार तीसरी बार विश्व विजेता बन जाएगी।
बलबिंद्र सिंह संधु ने कमाल करते हुए ग्रीनिज को 1 रन पर ही पैवेलियन भेज दिया। हर गेंद पर भूखे शेर की तरह टूट कर पड़ रहे रिचर्ड 33 रन बनाकर चलते बने। हेंस ने 13, कप्तान क्लाइव लायड ने 8, ज्योफ डुजोन ने 25 , फाउड वैक्स ने 8, मार्शल ने 18, राबर्ट ने 4 व होल्डिंग ने 6 रन बनाए। पूरी टीम 140 रन पर सिमट गई। भारत की ओर से महेंद्र अमरनाथ व मदन लाल ने 3-3 विकेट लिए। संधु ने 2, कपिल व बिन्नी ने 1-1 विकेट झटका। महेंद्र अमरनाथ ने सेमीफाइनल के बाद फाइनल में भी मैन आफ दि मैच रहकर श्रेष्ठता साबित की। अतुल वासन को खेलने का मौका ही नहीं मिल पाया। मदन लाल का जन्म 30 मार्च 1951 को अमृतसर में ऊधो राम शर्मा के घर में हुआ। 19 जून 1976 को उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला। 39 टेस्ट मैचों में 71 विकेट लिए। भारतीय टीम के 1996-97 में कोच भी रहे। 2009 के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के चुनाव में कांगे्रस ने उन्हें मैदान में उतारा था, पर उनकी तबीयत खराब हो गई। इस तरह वे मैदान से हट गए थे। 24 दिसंबर को कबीर खान निर्देशित फिल्म 83 वर्ल्ड कप में भारत की जीत पर ही आधारित है। आज देश में इस फिल्म के चर्चे हैं। कपिल देव की भूमिका रणवीर सिंह ने निभाई है व हार्डी संधु मदन लाल बने हैंं। गावस्कर ताहिर राज भसीन, श्रीकांत जीवा, महेंद्र अमरनाथ साकिब सलीम, यशपाल शर्मा जतिन शर्मा, संदीप पाटिल चिराग पाटिल, कीर्ति आजाद दिनकर शर्मा, रोजर बिन्नी निशांत दहिया, किरमानी साहिल खट्टर, संधु अम्मी विर्क व दलीप वेंगसरकर आदिनाथ कोठारे बने हैं।
बलराज सकलानी
लेखक सरकाघाट से हैं
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