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- फिर आया जासूसी का...

आदित्य चोपड़ा| 2019 में राज्यसभा में तीखी बहस की वजह रहा पेगासस साफ्टवेयर एक बार फिर सुर्खियों में है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2017 से 2019 के दौरान करीब 300 भारतीयों की जासूसी की है जिनमें पत्रकार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, विपक्ष के नेता और बिजनेसमैन शामिल हैं। यह भी कहा जा रहा है कि उसने मोदी सरकार के मंत्री, संघ के नेता, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की भी जासूसी की। इससे पहले भी कई सुर्खियों में रहा है। 2019 में व्हाट्सएप ने पेगासस को बनाने वाली कंपनी पर मुकद्दमा किया था। पेगासस साफ्टवेयर इस्राइली कंपनी द्वारा बनाया गया है। 2019 में हंगामा उस समय हुआ था जब व्हाट्सएप ने आरोप लगाया था कि पेगासस के जरिए करीब 1400 पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई। सरकारों पर जासूसी और फोन टेपिंग के आरोप कोई नए नहीं हैं। ऐसा पहले भी कई बार हुआ है। पाठक जानते ही होंगे कि 1988 में कर्नाटक में फोन टेपिंग विवाद छा गया था। उस समय जनता पार्टी के करिश्माई नेता रामकृष्ण हेगड़े मुख्यमंत्री हुआ करते थे। गैर कांग्रेसी खेमे में उन्हें संभावित पी.एम. पद के उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था। उन पर इस तरह के आरोप लगे थे कि उन्होंने 51 राजनेताओं के फोन टेपिंग के आदेश दिए थे। यह मामला संसद तक पहुंचा तो हेगड़े को इस्तीफा देना पड़ा था।
