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देश ने कोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पूरा कर लिया है
पंकज कुमार देश ने कोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पूरा कर लिया है. 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी का मुकाबला करने के लिए अब पूरे देश के पास 100 करोड़ वैक्सीन डोज का मजबूत सुरक्षा कवच है. कम समय में इतना अधिक टीकाकरण होने से देश में खुशी की लहर है. विशेषज्ञों का भी कहना है कि देश में तेजी से चल रहे टीकाकरण से वायरस काबू में आ गया है, लेकिन अभी भी लोगों को सतर्क रहते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है. क्योंकि कोरोना का फैलाव कम हुआ है यह खत्म नहीं हुआ है. यह महामारी खात्मे की ओर तभी बढ़ेगी जब पूर्ण टीकाकरण होने के साथ साथ कोविड से बचाव के नियमों का पालन भी जारी रखेंगे.
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिसिन विभाग के अडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल का कहना है कि देश ने इतने कम समय में वैक्सीन की 100 करोड़ डोज लगाई हैं. यह एक बड़ी उपल्बिध है. तेजी से चल रहे टीकाकरण से हर नए दिन के साथ देश बेहतर स्थिति में होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम आज कल से बेहतर हालत में है और जितना अधिक वैक्सीनेशन होगा स्थिति उतनी ही अच्छी होती जाएगी. डॉक्टर ने कहा कि अब तक 100 करोड़ डोज लग चुकी है, इससे हम यह मान सकते हैं कि इन लोगों में कोरोना का खतरा कम हो गया है. यह लोग उनसे बेहतर स्थिति में हैं जिनको फिलहाल एक भी डोज नहीं लगी है.
कोरोना के खिलाफ लोगों में बन रही हर्ड इम्यूनिटी
डॉक्टर नीरज का कहना है कि वैक्सीनेशन से कोरोना के खिलाफ लोगों में हर्ड इम्यूनिटी बन रही है. हालांकि हमे यह ध्यान रखना होगा कि कोरोना एक ग्लोबल महामारी है. ऐसे में हमें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना छोड़ना नही है. क्योंकि वैक्सीनेशन से हालात बेहतर तो हो रहे हैं , लेकिन कोरोना से खतरा टला नहीं है. लोगों को चाहिए कि वह त्योहारों को धैर्य के साथ मनाए और कोरोना से बचाव के नियमों का पालन जारी रखें.
देश में तीसरी लहर की आशंका पर डॉक्टर नीरज ने कहा कि फिलहाल देश में जो हालात हैं. उससे तीसरी लहर की आंशका कम है, हालांकि यह नहीं कह सकते कि अगली लहर अब कभी आएगी ही नहीं, लेकिन अब पहले की तुलना में खतरा काफी कम हैं. कोरोना की बूस्टर डोज के विषय में डॉ. नीरज ने कहा कि सबसे पहला हमारा टारगेट सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का होना चाहिए. इसके बाद मेडिकल अध्ययनों को देखते हुए बुस्टर डोज की जरूरत देखी जाएगी. बूस्टर डोज भी सबसे पहले उन लोगों को लगनी चाहिए जो अधिक खतरें में है.
बेहतर हालात में देश, कोविड का खतरा अब कम
सफदरजंग अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर जुगल किशोर ने कहा कि तेजी से चल रहे टीकाकरण और करीब 80 फीसदी आबादी के संक्रमित हो जाने से अब देश में कोरोना का खतरा टल गया है. उन्होंने कहा कि अब अगली लहर आने की आशंका न के बराबर है. क्योंकि जिन 80 फीसदी लोगों को कोविड हो चुका है अब उनमें दोबारा संक्रमण होने की आशंका नहीं है. ऐसे में अगर कोरोना का कोई नया वेरिएंट आया भी तो वह सिर्फ 20 फीसदी लोगों को संक्रमित करेगा. जिससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.
कोविड प्रोटोकॉल के पालन के विषय में डॉक्टर किशोर की राय बिलकुल डॉ नीरज की तरह है. डॉक्टर किशोर का भी कहना है कि हालात भले ही काफी बेहतर हैं, लेकिन कोविड से बचाव के नियमों का पालन जारी रखना ही होगा. बूस्टर डोज के विषय में डॉक्टर किशोर ने कहा कि अगर दुनिया या देश में कोरोना का कोई खतरनाक वैरिएंट नहीं आया तो बूस्टर डोज की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन अगर कोई खतरनाक वैरिएंट आया तो बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी. हालांकि इसकी जरूरत फिलहाल नहीं है
कोरोना के खिलाफ अभी लंबी जंग बाकी
एम्स के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर अमरींद्र सिंह मल्ही का कहना है कि देश में 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग गई है. जो सराहनीय है, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि जब तक सभी लोगों को दोनो डोज नहीं लग जाती है तबतक इस महामारी से जंग जारी रहेगी. क्योंकि यह वायरस कभी भी अपना स्वरूप बदल सकता है. कब यह किस इलाके में फैल जाए इसका पता नहीं चलता है. इसलिए लोगोंं को अभी भी वायरस के खिलाफ जंग जारी रखनी होगी.
फोर्टिस अस्पताल के मेडिसिन विभाग के निदेशक डॉक्टर संजय गोगिया का कहना है कि य ह बहुत अच्छा है कि भारत ने 100 करोड़ टीकाकरण को पार कर लिया है और इससे भी अधिक यह आश्वस्त करने वाला है कि कोविड मामलों की संख्या अब घट रही है और दूसरी लहर अब कम हो रही है, लेकिन यह कहना कि सबसे बुरा समय खत्म हो गया है, उचित नहीं होगा क्योंकि हमने देखा है अन्य देशों में दो से अधिक लहरें आई हैं.
वर्तमान में भारत में लगभग हर कोई एक ऐसे दौर का आनंद ले रहा है जब त्योहार और संभावित सभाएं होती हैं. यह एक महत्वपूर्ण चरण है क्योंकि वायरस फिर से फैल सकता है. व्यापक टीकाकरण अभियान के बावजूद, हमें यह समझना होगा कि वायरस में बदलाव होना आम हैं. इसलिए हमें सतर्क रहना होगा और जब तक हम वैक्सीन की दूसरी खुराक का शत-प्रतिशत कवरेज हासिल नहीं कर लेते तब तक कोविड-के नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए.
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