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बहुत देरी के बाद ही सही, पर आदिवासी समाज से महामहिम द्रौपदी मुर्मू का देश की 15वी राष्ट्रपति चुने जाने से आदिवासी समुदाय का गौरवान्वित महसूस करना स्वाभाविक है
बहुत देरी के बाद ही सही, पर आदिवासी समाज से महामहिम द्रौपदी मुर्मू का देश की 15वी राष्ट्रपति चुने जाने से आदिवासी समुदाय का गौरवान्वित महसूस करना स्वाभाविक है। उनसे देश की जनता, खासकर बेरोजगार युवा और आरक्षित वर्ग में उम्मीद जागी होगी कि वह केंद्र सरकार की निजीकरण की नीति से होने वाले संभावित असर के मद्देनजर सरकार से निजीकरण पर अंकुश लगाने का आग्रह कर सकती हैं। गौरतलब है कि रेलवे, हवाई अड्डे, पोट्र्स, बैंक, बीमा कंपनियां एवं अन्य पीएसयूज के निजीकरण से सरकारी क्षेत्र की नौकरियां तकरीबन खत्म हो सकती हैं और जब सरकारी नौकरियां ही नही रहेंगी तो आरक्षण का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। इसके अलावा देश के बेरोजगार युवाओं को भी सरकारी नौकरियां मिलने का रास्ता खुल सकता है।
-रूप सिंह नेगी, सोलन
By: divyahimachal

Rani Sahu
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