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- क्वाड से मिली सामरिक...
करीब एक पखवाड़ा पहले क्वाड देशों के राष्ट्रप्रमुखों की वर्चुअल बैठक हुई। हिंद-प्रशांत के क्षेत्र के प्रमुख लोकतांत्रिक देशों अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के इस संगठन ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए लंबा रास्ता तय किया है। हालांकि चीन के आक्रामक विस्तारवाद ने क्वाड को धार देने का काम किया है, लेकिन जो बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद क्वाड के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे थे। विशेषकर इस पहलू को लेकर कि क्या नए राष्ट्रपति अपने पूर्ववर्ती की 'मुक्त एवं स्वतंत्र हिंद-प्रशांत रणनीति' को आगे बढ़ाएंगे या उससे किनारा कर लेंगे? दरअसल बाइडन के चुनाव अभियान से 'हिंद प्रशांत' क्षेत्र स्पष्ट रूप से नदारद रहा। राष्ट्रपति की शपथ लेने के बाद ही बाइडन 'स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत' क्षेत्र के विषय में बोले। इसके बाद उन्होंने क्वाड का पहला सम्मेलन बुलाकर यह दर्शाया कि बाइडन प्रशासन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर एक व्यावहारिक रणनीति अपनाई।