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- वंशवादी राजनीति का...
शांतनु गुप्ता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कटु आलोचक भी मानते हैं कि उन्होंने भारतीय राजनीति के व्याकरण को कई मायनों में बदला दिया है। परिश्रम, दक्षता और योग्यता तेजी से चाटुकारिता और परिवारवाद वाली राजनीति की जगह ले रही है। वैसे भी जो पार्टी लंबे समय तक सत्ता में रहती है, वही भविष्य के लिए खेल के नियम तय करती है। सभी छोटे खिलाड़ी उस फामरूले का अनुकरण करते हैं। कांग्रेस भी लंबे समय तक सत्ता में रही है। लिहाजा अधिकांश पार्टियों ने उसका अनुकरण किया। कांग्रेस ने भारतीय राजनीति को 'वंशवाद की राजनीति' का सूत्र सिखाया। बाल गंगाधर तिलक, मदन मोहन मालवीय, सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी सरीखे दिग्गजों ने कांग्रेस को एक आंदोलन के रूप में चलाया, लेकिन स्वतंत्रता के बाद वह नेहरू-गांधी परिवार की निजी संपत्ति मात्र बनकर रह गई। उसने समय के साथ खुद को देश के 'प्रथम-परिवार' के रूप में स्थापित कर लिया।