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एक नया भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध भाजपा की यात्रा में 10 मार्च, 2022 की तारीख ऐतिहासिक दिन के रूप में दर्ज हुई है
भूपेंद्र यादव।
एक नया भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध भाजपा की यात्रा में 10 मार्च, 2022 की तारीख ऐतिहासिक दिन के रूप में दर्ज हुई है। इस दिन विकास की राजनीति ने धर्म, जाति और वर्ग केंद्रित वोट बैंक की राजनीति को आईना दिखाया। पार्टी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में अपनी कल्याणकारी नीतियों, सुदृढ़ और पारदर्शी शासन के आधार पर जनता का विश्वास हासिल किया। भाजपा की सत्ता में वापसी प्रमाण है कि जनमानस में विशेषकर महिलाओं में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के प्रति अटूट विश्वास है।
राजनीतिक मुकाबलों में विपक्ष के लिए सत्ताधारी दल के खिलाफ खड़ा होना स्वाभाविक है। यह एक स्वस्थ, सशक्त और जीवंत लोकतंत्र के लिए जरूरी भी है। साथ ही उतना ही सच है कि इन सबके बीच विपक्ष की भूमिका भी रचनात्मक होनी चाहिए। भाजपा से लड़ते हुए कांग्र्रेस ने अर्धसत्य और पूर्ण झूठ का सहारा लिया। फिर चाहे वह कृषि कानूनों पर कुछ किसान समूहों की चिंता का राजनीतिकरण करना रहा हो या सीमावर्ती राच्य की सुरक्षा से समझौता करना। या उत्तर प्रदेश में दुर्भाग्यपूर्ण दुष्कर्म पर कुत्सित राजनीति करना। कांग्र्रेस सहित भाजपा विरोधी दलों ने ऐसे तमाम हथकंडे अपनाए, लेकिन इससे उन्हें कुछ लाभ नहीं हुआ। उलटे मतदाताओं की नजर में उन्होंने अपनी साख ही गंवाई। आज कांग्रेस इस हाल में पहुंच गई है कि उसे अपनी असफलता पर आत्मचिंतन के बजाय इसमें च्यादा संतोष होता है कि भाजपा कहां सफल नहीं हुई। कांग्रेस को इसी बात का दिलासा है कि पंजाब में भाजपा के बजाय किसी अन्य दल की सरकार बनने जा रही है। इतना ही नहीं, भाजपा को मिले जनादेश को भी ध्रुवीकरण का परिणाम बताकर जनता के मत का अवमूल्यन करने में लगी है। इससे कांग्र्रेस की मनोदशा सहज ही समझी जा सकती है।
जनसंख्या एवं राजनीतिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा के मत प्रतिशत में वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 में भाजपा को राज्य में 39.67 प्रतिशत मिले थे, जो अब बढ़कर 41.6 प्रतिशत हो गए हैं। इसके साथ ही भाजपा 1985 के बाद पहली ऐसी पार्टी बनी, जिसने उत्तर प्रदेश की सत्ता में लगातार दूसरी बार वापसी की। पंजाब में आम आदमी पार्टी यानी आप को भी 42 प्रतिशत मत प्राप्त हुए, लेकिन यह भारी सत्ता विरोधी रुझान का परिणाम रहा, क्योंकि वहां जनता में कांग्रेस सरकार के प्रति गहरा आक्रोश था। इस नाते भी उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां जनता ने सरकार को वापस लाने के लिए मतदान किया। देश के सबसे बड़े प्रदेश में इतनी बड़ी जीत यही दर्शाती है कि भाजपा पर बार-बार लोगों का मजबूत होता भरोसा कोई संयोग नहीं है। उत्तर प्रदेश में पहले 2014 के आम चुनाव, फिर 2017 के विधानसभा चुनाव, उसके बाद 2019 के आम चुनाव और अब विधानसभा चुनाव में मिला भारी जनादेश यही बताता है कि जनता मोदी जी का सुशासन और डबल इंजन वाली सरकार चाहती है।
पूर्वोत्तर में असम के बाद मणिपुर ने भी भाजपा पर फिर से विश्वास जताकर पूर्ण जनादेश दिया है। मणिपुर में 2017 के बाद से कोई बम विस्फोट और कर्फ्यू नहीं देखने को मिला। इससे लोगों को भरोसा हुआ कि भाजपा न सिर्फ वादे करती है, बल्कि उन्हें निभाती भी है। प्रदेश में पांच साल की शांति और विकास ने मणिपुर के मतदाताओं के मन में कोई संदेह नहीं रखा और उन्होंने भाजपा को दिल खोलकर अपना समर्थन दिया। इसी तरह गोवा में भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। उत्तराखंड में भी भाजपा ने स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर विकास की राजनीति को मुखरता के साथ परिभाषित किया। जहां तक पंजाब की बात है तो इसमें कोई संदेह नहीं कि वहां खुद को मजबूत करने के लिए भाजपा को और वक्त एवं मेहनत की जरूरत है।
2022 के चुनाव परिणामों ने राजनीतिक दलों के लिए स्पष्ट संदेश दिया है कि नए भारत में वंशवाद, जातिवाद, धर्म और अवसरवादी गठबंधनों की राजनीति नहीं चलने वाली है। नया भारत देश को विकास और प्रगति के पथ पर अग्रसर करने और नए विचारों एवं सही इरादे वाली सरकार चाहता है। जब 2014 में नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री का दायित्व संभाला था तो उन्होंने सरकार के सबसे बड़े लक्ष्य को बताया, जिसमें समाज के अंतिम छोर पर खड़े आम आदमी के लिए प्रभावी नीतियों को बनाने का वादा किया गया था। इस बीच करीब आठ वर्षों के दौरान आज भारत के कोने-कोने में सरकारी योजनाओं के लाभ पहुंच रहे हैं। दुष्प्रचार के सहारे कुछ लोग भले ही लाभार्थियों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लाभार्थी अपने मत के माध्यम से मन की बात बोल रहे हैं। चुनावों के दौरान जमीन पर उतरे पत्रकारों के कैमरों ने बताया कि कैसे लोगों ने मुफ्त राशन, पक्के मकान, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से धनराशि मिलने के साथ ही सामाजिक सुधारों और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के वैचारिक आधार पर समझौता न करने को लेकर सरकार का आभार व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया के माध्यम से अंतिम व्यक्ति तक उसके लाभांश को पूरी पारदर्शिता से पहुंचाने की नीयत के साथ काम किया जा रहा है। आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो इस अमृत काल में मतदाताओं ने प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी अभियान में अपनी सहभागिता की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के संकल्पों में आस्था जताई है। मतदाता भाजपा के प्रयासों की ईमानदारी में विश्वास करते हैं और यह चुनावी परिणामों में दिखाई भी देता है।
विधानसभा चुनाव के परिणाम कहीं न कहीं इस बात के संकेतक भी हैं कि देश की राजनीति में लंबे से समय से गहराई तक जमी बुराइयां कमजोर हो रही हैं। सरकार और जनता के बीच विश्वास की डोर मजबूत हो रही है। जनभागीदारी की अवधारणा को बल मिल रहा है। अंतिम पायदान पर खड़े गरीब के मन में यह विश्वास मजबूत हुआ है कि यह सरकार उनकी है, उनके लिए है और उनके द्वारा है। यह प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत की यात्रा है, जिसमें भारत का भविष्य स्पष्ट रूप से उज्ज्वल है।
Rani Sahu
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