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- वजह है कमजोर हैसियत
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत में महिलाओं के प्रति सोच बदलने का नाम नहीं ले रही है। प्रगति के तमाम दावों और बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ जैसे सरकारी अभियानों के बावजूद महिलाओं पर हिंसा बढ़ती जा रही है। 2020 खासकर महिलाओं के लिए बुरा साल साबित हुआ। ये बात खुद राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्लू) के आंकड़ों से जाहिर हुई है। आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक बीते साल महिलाओं के खिलाफ हिंसा की 23,722 शिकायतें मिलीं, जो कि छह साल में सबसे ज्यादा है। कुल शिकायतों में से एक चौथाई घरेलू हिंसा से जुड़ी थीं। तो साफ है कि महिलाएं घर में भी सुरक्षित नहीं हैं।
चिंता की बात यह है कि इस हालत में सुधार के बजाय स्थिति बिगड़ती जा रही है। एनसीडब्लू के मुताबिक पिछले साल कुल 5,294 शिकायतें घरेलू हिंसा से जुड़ीं थी। हकीकत यह ह कि अपने देश में कई महिलाएं भय के कारण शिकायत भी नहीं कर पाती हैं। एनसीडब्लू के आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं पर हिंसा की सबसे अधिक 11,872 शिकायतें उत्तर प्रदेश से मिलीं।