सम्पादकीय

टीकाकरण की रफ्तार तेज पर...

Gulabi
7 July 2021 2:56 PM GMT
टीकाकरण की रफ्तार तेज पर...
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देश में 70 प्रतिशत व्यस्क आबादी को वेक्सीनेट करने का लक्ष्य पूरा करने के​ लिए सरकारें तेजी से वैक्सीनेशन करने में लगी हैं

देश में 70 प्रतिशत व्यस्क आबादी को वेक्सीनेट करने का लक्ष्य पूरा करने के​ लिए सरकारें तेजी से वैक्सीनेशन करने में लगी हैं। 21 जून के बाद टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने से 7 राज्य ऐसे सामने आए हैं, जहां अगस्त तक 70 प्रतिशत आबादी को ​सिंगल डोज लग जाएगी। बशर्ते रोजाना लगने वाले टीकों की सही रफ्तार बनी रहे। युवा आबादी को वैक्सीनेट करने के मामले में 44 प्रतिशत वैक्सीनेशन के साथ गुजरात टॉप पर है। देश में 94 करोड़ आबादी 18+ है। अब तक 35 करोड़ 71 लाख लोगों काे टीका लग चुका है। अगर सही रफ्तार रही तो जुलाई के अंत तक 50 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग जाएगी।


विशेषज्ञों का कहना है कि 70 प्रति​शत आबादी को सिंगल डोज लगने के बाद सिर्फ तीन महीने में दूसरी डोज देकर हर्ड इम्यूनिटी का स्तर पाया जा सकता है। 70 प्रतिशत आबादी कवर होने के बाद हर्ड इम्यूनिटी आने से संक्रमण का फैलना रुक जाता है। एक अच्छी खबर यह भी है कि रूसी वैक्सीन स्पू​तनिक वी का टीका जो अभी निजी क्षेत्र की तरफ से लगाया जा रहा है, अब वह सरकारी टीकाकरण केन्द्रों पर भी उपलब्ध होगा। यह वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार की योजना पोलियो ड्राप की तरह गांव-गांव तक लोगों को टीका पहुंचाने की है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के अलावा स्पूतनिक वी का आना और माडर्ना व जायडस कैडिला का रोल आउट डेली कवरेज को 50 लाख से बढ़ाकर आने वाले हफ्तों में 80 लाख यहां तक कि एक करोड़ भी किया जाना सम्भव है।

टीकाकरण को लेकर अब आश्वस्त हुआ जा सकता है। इसे देखते हुए अब सभी क्षेत्रों को अपनी गतिविधियां सामान्य बनाने के लिए नए सिरे से रणनीति तैयार करनी होगी। शिक्षा के क्षेत्र में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2021-22 सत्र के लिए कक्षा दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए विशेष मूल्यांकन योजना की घोषणा कर दी है। नए सत्र में पाठ्यक्रम को दो भागों में बांटा गया है। प्रत्येक टर्म में 50 प्रतिशत पाठ्यक्रम कवर किया जाएगा। पहले टर्म की परीक्षा नवम्बर-दिसम्बर में और दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल में होगी। इसके अलावा सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा के परिणाम तय मूल्यांकन निधि आएंगे लेकिन अगर कोई छात्र इस प्रक्रिया से संतुष्ट न हो तो वे अगस्त में पेपर दे सकते हैं। इसी तरह अब उच्च शिक्षा संस्थानों को भी नए सत्र की रणनीति बनानी होगी। उद्योग धंधे, बाजार, निर्माण आैर लगभग सभी क्षेत्रों में पाबंदियां खत्म हो चुकी हैं।

सिनेमाघर भी कहीं-कहीं 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोले जा रहे हैं लेकिन स्कूल अभी भी बंद हैं। स्पष्ट है कि देश की 70 फीसदी आबादी के टीकाकरण के बाद 8 शिक्षण संस्थानों को नियमित रूप से खोलने के संबंध में विचार किया जा सकता है। देश में कोरोना की दूसरी लहर ढलान पर है लेकिन तीसरी लहर को लेकर आशंकाएं गहरा रही हैं। कानपुर आईआईटी की स्टडी में बताया गया है कि अगर कोरोना वायरस का बहुत तेजी से फैलने वाला म्यूटेंट नहीं बना तो तीसरी लहर दूसरी लहर के मुकाबले कमजोर होगी। तीसरी लहर कमजोर और छोटी भी हो सकती है। अगर तेजी से फैलने वाला म्यूटेंट सामने आया तो फिर यह पहली लहर के जैसे ही होगी। एसबीआई की रिपोर्ट में तीसरी लहर के अगस्त में आने की आशंका व्यक्त की गई है जो सितम्बर तक पीक पर पहुंच जाएगी। यह 98 दिन रहेगी। अधिकांश विशेषज्ञ लगभग एकमत हैं कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आएगी जरूर। यद्यपि तीसरी लहर के संबंध में कोई निश्चित समय की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। अगर अगस्त में तीसरी लहर सामने आ जाती है तो फिर परीक्षाएं रद्द की जा सकती हैं और शिक्षा संस्थान खोले जाने के विचार को टाला जा सकता है। विशेषज्ञों का यह कहना है कि तीसरी लहर को टालने के लिए या उसका प्रभाव कम करने के ​लिए लोगों को सतर्कता से काम लेना होगा। जिस तरह से लोगों ने कोविड-19 दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करना शुरू कर दिया है, वह तीसरी लहर को नियंत्रण देना ही है। शिमला, मनाली, मंसूरी और अन्य पर्यटक स्थलों पर लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ है। लोग 5-5 घंटे जाम में फंसे रहते हैं, ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका प्रबल हो रही है। लोगों ने शायद समझ लिया कि कोरोना की दूसरी लहर अब जा चुकी है, अभी समय है जितना घूम सकते हो घूम लो।

अब सवाल यह है कि लोगों को नियंत्रित कैसे किया जाए। सरकारें और पुलिस इतनी बड़ी आबादी के व्यवहार को बदलने की कोशिश करेंगी तो आक्रोश फैलेगा। बेहतर है लेेग संयम और धैर्य से काम लें और तीसरी लहर को न्यौता नहीं दें। टीकाकरण का फायदा तभी मिल सकता है जब हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क लगाकर रखें। लोगों को परिस्थितियों के सामान्य होने तक इंतजार करना चाहिए।

आदित्य नारायण चोपड़ा


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