- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- राहत की बात: भारत- चीन...
राहत की बात है कि भारत-चीन सीमा पर आमने-सामने तैनात टुकड़ियों की वापसी को लेकर शुरुआती सहमति बनने के बाद एलएसी पर तनाव में कमी आ रही है, साथ ही दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में आया ठहराव भी दूर होने लगा है। खबर है कि चीन की ओर से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रस्तावों को मंजूरी का पिछले नौ महीनों से रुका हुआ सिलसिला दोबारा शुरू हो गया है। हालांकि अभी केवल छोटे मामले ही मंजूर हो रहे हैं। पिछले साल अप्रैल में एफडीआई के कानूनों में संशोधन करते हुए चीनी निवेश से जुड़े प्रस्तावों के लिए ऑटोमेटिक रूट के बजाय अप्रूवल रूट का प्रावधान कर दिया गया था। उस समय इसका मकसद लॉकडाउन के कारण कमजोर हुई भारतीय कंपनियों को चीनी अधिग्रहण से बचाने का बताया गया था। मगर गलवान घाटी में हुई हिंसक भिड़ंत के बाद दोनों देशों के रिश्तों में ऐतिहासिक गिरावट आई जिसका सीधा परिणाम निवेश के आंकड़ों पर पड़ा। ध्यान रहे, हाल के वर्षों में प्रत्यक्ष चीनी निवेश के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे थे।