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- पांचों राज्यों के...
उमेश चतुर्वेदी ।
वर्ष 1996 के आम चुनावों के पहले तक देश की सबसे मजबूत और प्रभावी कांग्रेस पार्टी होती थी। तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों में उसकी ताकत न के बराबर रह गई थी, लेकिन तब तक राजनीति और राजनीतिक गठबंधनों के केंद्र में कांग्रेस ही होती थी। चाहे समर्थन हो या विरोध, पूरी राजनीति उसी के इर्द-गिर्द घूमती थी। वर्ष 1996 में भारतीय जनता पार्टी लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, उसे शिवसेना और समता पार्टी जैसी कुछ पार्टियों को छोड़ समर्थन नहीं मिला। तेरह दिन की सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, एक दिन सूरज उगेगा, कमल खिलेगा। भारतीय राजनीति के आकाश पर 2014 से कमल खिलने का जो सिलसिला शुरू हुआ है, 2022 तक पूरे राजनीतिक परिदृश्य को बदल चुका है। अब भारतीय राजनीति के केंद्र में हिंदुत्ववादी दर्शन से राजनीतिक यात्रा शुरू करके गांधीवादी समाजवाद के साथ सामंजस्य बैठाने वाली भारतीय जनता पार्टी है। दूसरे दल या तो उसके समर्थन में हैं या विरोध में हैं। मौजूदा विधानसभा चुनावों के नतीजों ने भाजपा को राजनीतिक केंद्र में जैसे पूरी तरह स्थापित कर दिया है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर में सहजता से सत्ता में वापसी और गोवा में बड़े दल के तौर पर उभार भाजपा की यात्रा का महत्वपूर्ण प्रस्थान बिंदु है।