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- साहित्यिक समारोहों की...
आज एक साहित्यिक समारोह में जालंधर हूं और सोच रहा हूं कि कोरोना के बाद संभवतः यह पहला साहित्यिक समारोह है जिसमें भाग लेने पहुंचा हूं। डेढ़ दो साल तो सारी गतिविधियां बुरी तरह कोरोना ने लील ली थीं और इसीलिए सन् 2020 में कोई बड़ा साहित्यिक आयोजन नहीं हुआ । यहां तक कि हरियाणा साहित्य अकादमी ने भी अवॉर्ड की राशि घर चैक के रूप में भेजनी शुरू कर दी। अन्य राज्यों की अकादमियों ने भी शायद ऐसे ही कदम उठाए हों। अब जालंधर में पंजाब कला साहित्य अकादमी ने यह हौसला किया। सिमर सदोष इसे पच्चीस साल से आयोजित करते आ रहे हैं और अब तो पंकस के अवॉर्ड बड़ी प्रतिष्ठा के अवॉर्ड हो चुके हैं। इनके हौसले को सलाम। सिमर सदोष से पहले जालंधर दूरदर्शन के समाचार संपादक व प्रसिद्ध उपन्यास 'धरती धन न अपना' के लेखक जगदीश चंद्र वैद भी जालंधर में साहित्यिक आयोजन करते रहे और उनके बाद यह मोर्चा सिमर सदोष ने संभाला। यह साहित्यिक यात्रा चलती रहे।