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शंकर शरण। बांग्लादेश में दुर्गापूजा पंडालों का विध्वंस, मंदिरों पर हमले और हिंदुओं की हत्याओं पर दुनिया के अधिकांश लोग इसके बावजूद अनभिज्ञ हैं कि यह सब पहली बार नहीं हुआ। बांग्लादेश में हिंदू संहार गत कई दशकों से सतत जारी विश्व की सबसे बड़ी घटना है। इसे नरसंहार कहना अतिरंजना नहीं। संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन, 1948 में नरसंहार (जेनोसाइड) परिभाषित है। इस प्रस्ताव की धारा-दो के अनुसार जेनोसाइड का अर्थ है किसी राष्ट्रीय, नस्ली, धार्मिक या जातीय समूह के विरुद्ध ऐसा काम जो उसे पूर्णत:/अंशत: नष्ट करने की क्षमता रखता हो। प्रस्ताव में यह भी लिखा है कि किसी समूह विशेष पर ऐसी स्थितियां लादना, जिनसे उसका पूर्णत:/अंशत: भौतिक नाश करने की मंशा हो। साफ है कि हथियारों से किसी समूह को सीधे मार डालने के अलावा किसी समूह के विरुद्ध ऐसी कानूनी, आर्थिक, सांस्कृतिक व्यवस्थाएं करना भी नरसंहार है, जिनसे उसका क्रमश: नाश निश्चित हो। इस दृष्टि से बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार अभूतपूर्व और सबसे बड़ा है। यह नि:शब्द और धीमा रहा है, इसलिए भी बाहरी दुनिया इससे अनजान रही है।