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सम्पादकीय
भारत में बढ़ रहा ड्रग्स का कारोबार, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के नापाक मंसूबे हैं वजह
Gulabi Jagat
29 May 2022 12:28 PM GMT
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भारत में बढ़ रहा ड्रग्स का कारोबार
पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न हिस्सों में जिस तरह बाहर से चोरी-छिपे लाई गई ड्रग्स बरामद हो रही है, वह चिंता की बात है। बीते दिनों नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी ने ड्रग्स तस्करी के एक और बड़े रैकेट का भंडाफोड़ कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया। उसने इनके पास से करीब 35 किलो हेरोइन जब्त की। इस रैकेट के बारे में पता तब चला, जब जिंबाब्वे से बेंगलुरु पहुंचीं दो महिलाओं के पास से सात किलो हेरोइन बरामद की गई। एनसीबी के अनुसार, यह ड्रग्स रैकेट देश भर में फैला था और उसका सरगना एक नाइजीरियाई है।
इसके कुछ दिनों पहले दिल्ली में शाहीन बाग इलाके से नशीले पदार्थों की एक बड़ी खेप बरामद की गई थी। इस बरामदगी के साथ जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनके संबंध अफगानिस्तान से लेकर पाकिस्तान के ड्रग्स तस्करों से थे। जिस तरह भारत में रह रहे कई अफगानी ड्रग्स के कारोबार में लिप्त हैं, उसी तरह कुछ नाइजीरियाई भी। इनमें से कुछ तो भारत में ही ड्रग्स तैयार कर रहे हैं। यह दुस्साहस की पराकाष्ठा के अलावा और कुछ नहीं।
भारत में नशीले पदार्थों की आवक किस तरह बढ़ती जा रही है, इसका पता इससे चलता है कि देश के विभिन्न हिस्सों से रह-रहकर ड्रग्स की बरामदगी का सिलसिला कायम है। पहले तो जम्मू-कश्मीर और पंजाब से लगती पाकिस्तान की सीमा से ही नशीले पदार्थ आ रहे थे, लेकिन अब समुद्री और हवाई मार्ग के जरिये भी नशे की खेप आ रही है। इससे यही लगता है कि अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करों ने भारत को अपना पसंदीदा ठिकाना बना लिया है।
भारत में नशीले पदार्थों की आवक बढ़ने की आशंका तभी बढ़ गई थी, जब अफगानिस्तान में तालिबान काबिज हो गए थे। वहां अफीम की बड़े पैमाने पर खेती होती है। तालिबान उस पर रोक लगाने के बजाय उसे बढ़ावा देने में जुटे हैं और पाकिस्तान उनकी मदद करने में। भारत को इस नापाक गठजोड़ से इसलिए सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि ड्रग्स के कारोबार से होने वाली कमाई का इस्तेमाल आतंकी संगठनों को पालने-पोसने में भी किया जाता है।
ड्रग्स तस्करों का एक अन्य मकसद देश की युवा पीढ़ी को बर्बाद करना भी है। यह ड्रग्स तस्करों की बढ़ती सक्रियता का ही नतीजा है कि देश के छोटे-छोटे शहरों में भी नशीले पदार्थों की खेप पहुंच रही है। पिछले कुछ महीनों में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने देश के अलग-अलग स्थानों से जिस तरह बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद की है, उसके आधार पर यह निष्कर्ष भी निकाला जा सकता है कि यह बरामदगी उसकी सजगता का नतीजा है, लेकिन सवाल यह है कि क्या वह सारी ड्रग्स पकड़ी जा रही है, जिसे भारत लाया जा रहा है?
दैनिक जागरण के सौजन्य से सम्पादकीय
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