सम्पादकीय

आम बजट देश को कोविड-19 की आर्थिक सुस्ती से निकालकर विकास की डगर पर ले जाने वाला होगा साबित

Gulabi
2 Feb 2021 4:50 AM GMT
आम बजट देश को कोविड-19 की आर्थिक सुस्ती से निकालकर विकास की डगर पर ले जाने वाला होगा साबित
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बजट में खेती और किसानों पर विशेष बल दिया गया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 की वजह से अप्रत्याशित रूप से बढ़ी हुई आर्थिक चुनौतियों के बीच जो बजट पेश किया उसे इसलिए अभूतपूर्व कहा जाएगा, क्योंकि इसमें कई ऐसे प्रविधान हैं, जो पहले कभी नहीं किए गए। बजट में कोरोना महामारी से देश को बचाने के लिए बड़े वित्तीय प्रविधान के साथ अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसरों में बड़ी वृद्धि के प्रयास किए गए हैं। वहीं वोकल फॉर लोकल के तहत घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन दिया गया है, साथ ही मेक इन इंडिया और निर्यात वृद्धि के लिए नई रेखाएं खींची गई हैं। इनके लिए संसाधनों की प्राप्ति हेतु वित्त मंत्री ने राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 फीसद तक विस्तारित करने, कर संग्रह में वृद्धि करने के साथ विनिवेश के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये के बड़े लक्ष्य को सामने रखा है। इससे जहां आर्थिक सुस्ती का मुकाबला किया जा सकेगा, वहीं विभिन्न वर्गों-आम आदमी, किसानों, महिलाओं, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और उद्योग एवं र्सिवस सेक्टर की मुश्किलों को कम किया जा सकेगा।


बजट में खेती और किसानों पर विशेष बल दिया गया
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बजट में खेती और किसानों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया है। किसानों के सरल कर्ज के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से डेढ़ गुना ज्यादा कीमत निर्धारित की है। ऐसे नए उद्यमों तथा कृषि बाजारों को प्रोत्साहन दिया है, जिनसे कृषि उत्पादों को अच्छी कीमत दिलाने में मदद मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के कई उपाय किए गए हैं। इसके अलावा कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विकास के माध्यम से बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने वाले कामों को भी प्रोत्साहन दिया गया है।
लघु एवं मझोले उद्योगों को 15,700 करोड़ रुपये का बड़ा बजट दिया गया
इस बार लघु एवं मझ ले उद्योगों (एमएसएमई) को 15,700 करोड़ रुपये का बड़ा बजट दिया है। छोटे उद्योग की परिभाषा बदली गई है। कोरोना काल के दौरान प्रभावित एमएसएमई को फिर से खड़ा करनेके लिए भी नया रास्ता निकाला गया है। एमएसएमई सेक्टर को तकनीकी विकास और नवाचार संबंधी लाभ देने के लिए नई व्यवस्था बनाई गई है। सरकार ने इसके लिए उसे वित्तीय सहायता देने का भी प्रविधान किया है। इसमें दोराय नहीं सरकार की तरफ से तकनीक और वित्त की सुविधा प्राप्त होने से एमएसएमई सेक्टर को नया रंग-रूप मिलेगा।
कोरोना के चलते चरमरा गए पर्यटन समेत उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए मिली बड़ी धनराशि
बजट में कोविड-19 के कारण देश के पर्यटन और होटल सहित जो विभिन्न उद्योग-कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए बड़ी धनराशि दी गई है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवंटन बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ रुपये किया गया है। नई शिक्षा प्रणाली, कौशल विकास, शासकीय स्कूलों की गुणवत्ता, सार्वजनिक परिवहन जैसे अहम क्षेत्रों के साथ-साथ रोजगार वृद्धि के लिए टेक्सटाइल सेक्टर, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर और बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए भी आवंटन किया गया है।
बीमा सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसद से बढ़ाकर 74 फीसद करने का प्रस्ताव
बीमा सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसद से बढ़ाकर 74 फीसद करने का प्रस्ताव है। आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाया गया है। शोध एवं नवाचार, निर्यात विकास फंड तथा फार्मा उद्योग को भी विशेष रूप से प्रोत्साहन दिया गया है। इसके अलावा जीएसटी को आसान बनाने की बात कही गई है।
पेट्रोल और डीजल पर कृषि कर लगाया गया
स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि बजट में कोविड-19 के कारण पैदा हुई अप्रत्याशित आर्थिक सुस्ती का मुकाबला करने और विभिन्न वर्गों को राहत देने के लिए बड़े पैमाने पर व्यय बढ़ाए गए हैं। पेट्रोल और डीजल पर कृषि कर लगाया गया है। रोजगार के नए अवसर पैदा करने के प्रयास किए गए हैं। बैंकों में लगातार बढ़ते हुए एनपीए (फंसे हुए कर्ज) को नियंत्रित करने और क्रेडिट सपोर्ट को जारी रखने के लिए कई नई व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही महंगाई पर नियंत्रण और नई मांग का निर्माण करने की रणनीति पेश की गई है। शेयर बाजार में जोखिमों को कम करने के उपयुक्त प्रविधान भी किए किए गए हैं।
बजट में शेयर बाजार को और अधिक लाभप्रद बनाने के प्राविधान
बजट में शेयर बाजार को और अधिक लाभप्रद बनाने के प्राविधान भी सुनिश्चित किए गए हैं। सिक्योरिटी मार्केट के लिए उठाया गया कदम लाभप्रद साबित होगा। जिस तरह मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देने के लिए कुछ ऑटो पाट्र्स एवं इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं एवं मोबाइल उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है, वह भी लाभकारी सिद्ध होगी। बजट में किए गए इन प्रविधानों के कारण आगामी वित्त वर्ष में देश के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी और डिजिटल अर्थव्यवस्था में गति आएगी। इसकी वजह से बड़ी संख्या में रोजगार के नए मौके पैदा होंगे। इससे देश में प्रतिभाशाली नई पीढ़ी का विकास होगा और शोध कार्य की गुणवत्ता बढे़गी। स्टार्टअप, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, आउटर्सोंिसग और कारोबार संबंधी अनुकूलताओं का संचार होगा। इससे देश में मध्यम वर्ग का भी दायरा बढ़ेगा। ये सब एफडीआइ की आवक का भी कारण बनेंगे। हालांकि वित्त मंत्री इस बार छोटे आयकरदाताओं और मध्यम वर्ग की उम्मीदें पूरा नहीं कर पाई हैं। यह वर्ग कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित रहा है। हालांकि 75 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर और टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट देकर कुछ राहत देने की कोशिश की है।
वित्त मंत्री ने अभूतपूर्व प्रोत्साहनों का बजट' पेश किया

कुल मिलाकर वित्त मंत्री ने राजकोषीय घाटे की फिक्र न करते हुए अपने वादे के अनुसार अपने हाथ खोलते हुए 'पहले कभी नहीं देखा गया अभूतपूर्व प्रोत्साहनों का बजट' पेश किया है। इससे देश में निवेश बढ़ेगा, रोजगार बढ़ेंगे और देश कोविड-19 की आर्थिक सुस्ती से निपटने की डगर पर आगे बढ़कर विकास दर बढ़ाते हुए दिखाई दे सकेगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार बजट में प्रस्तुत की गई विभिन्न योजनाओं और घोषणाओं को तय समय में पूरा करेगी। इसी से देश के करोड़ों लोगों की निराशा को दूर कर उनमें आशा का संचार किया जा सकेगा। ऐसा हुआ तो देश की अर्थव्यवस्था 11-11.5 फीसद की विकास दर को अवश्य प्राप्त कर सकेगी।


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