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- सैन्य सुधारों का...
देश के 19 राज्यों में 'अग्निपथ' का बेहद हिंसक विरोध किया गया है। रेलगाडिय़ों और उनके इंजन फूंकना, रेलवे स्टेशनों के भीतर तबाही, वाहनों को जलाकर राख करना और पुलिस पर पथराव की मुहिम 'अग्निपथ' योजना का तार्किक विरोध नहीं माना जा सकता। चूंकि यह योजना एक गंभीर सैन्य सुधार है और भारत में सुधार करना एक विराट चुनौती रही है। कम्प्यूटर का विरोध किया गया, खुली अर्थव्यवस्था और उदारीकरण का विरोध किया गया, कृषि कानूनों और खुले बाज़ार का इतना विरोध किया गया कि प्रधानमंत्री मोदी को कानून वापस लेने पड़े। सबसिडी और अन्य व्यवस्थाओं में नए सुधार किए गए, तो उनका भी विरोध किया जाता रहा है। देश में एक तबका ऐसा है, जो लुंज-पुंज अर्थव्यवस्था और नीतियों का पक्षधर रहा है। वह देश में कुछ भी नयापन नहीं, परिवर्तन नहीं, यथास्थिति चाहता है। वह तबका सेना को भी 'बूढ़ी' ही रहने देने के पक्ष में है। उसे सुधार और 25-26 साल औसत उम्र वाली सेना नहीं चाहिए। नोटबंदी और जीएसटी भी व्यापक आर्थिक सुधार थे। जीएसटी से एक लाख करोड़ रुपए से अधिक सालाना का राजस्व कमाया जा रहा है। क्या विरोधी नहीं जानते?
सोर्स - Divyahimachal