सम्पादकीय

भिन्नता में एकता का उत्सव है एकजुटता का महापर्व

Triveni
20 Dec 2022 2:12 PM GMT
भिन्नता में एकता का उत्सव है एकजुटता का महापर्व
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फाइल फोटो 

अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस ‘भिन्नता में एकता’ का उत्सव है। साथ ही यह राष्ट्र-राज्यों को उनके अंतरराष्ट्रीय समझौतों पर हस्ताक्षरी होने और कर्त्तव्य बोध के लिए चेताने का दिन है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस 'भिन्नता में एकता' का उत्सव है। साथ ही यह राष्ट्र-राज्यों को उनके अंतरराष्ट्रीय समझौतों पर हस्ताक्षरी होने और कर्त्तव्य बोध के लिए चेताने का दिन है। एकजुटता के लिए सार्वजनिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता, गरीबी और शोषण के उन्मूलन के लिए भी सबके साथ के आह्वान का दिन है। यह भी जानने, समझने और मनाने का दिन है कि बिना मानव एकता के मानव समुदाय का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा और शायद पृथ्वी के लिए भी। यह समझने के लिए हमें हॉलीवुड सरीखे किसी चलचित्र से पृथ्वी पर परग्रहवासियों के आक्रमण का इंतजार नहीं करना है, बल्कि काले-गोरे, स्त्री-पुरुष, स्वर्ण-दलित, अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक, अमीर-गरीब, सधर्मी-विधर्मी और तमाम अन्य विवादों को सुलटाने की जरूरत है। यह सब तलवार और ताकत की अपेक्षा संवाद, आपसी सहमति और सदाशयता से ही संभव है।

दुनिया के तमाम विवादों की जड़ों में यह भी सर्वमान्य है कि मनुष्य स्वयं से असंतुष्ट और असहमत है, इसलिए वैश्विक एकजुटता के महापर्व को मनाने के लिए हमें स्वयं से भी एका स्थापित करने की जरूरत है।

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