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राजस्थान (Rajasthan) में अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने अपने बजट (2022-2023) में 1 जनवरी 2004 से सेवा में शामिल हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को फिर से शुरू करने का फैसला लिया है
सरबजीत के. सेन
राजस्थान (Rajasthan) में अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने अपने बजट (2022-2023) में 1 जनवरी 2004 से सेवा में शामिल हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को फिर से शुरू करने का फैसला लिया है, जिससे भारतीय पेंशन प्रणाली में हुआ लगभग दो दशक लंबा सुधार काफी पीछे चला जाएगा. इससे राज्य सरकार के कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के निर्धारित दायरे से बाहर हो जाएंगे. हालांकि अशोक गहलोत ने पुरानी पेंशन प्रणाली (OPS) को वापस लाने के अपने इस निर्णय को "ऐतिहासिक निर्णय" बताया, लेकिन देश में बुजुर्गों की बेहतर आय सुरक्षा के लिए यह कदम न उठाना अधिक लाभदायक था.
इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने वाली पार्टियां भी मतदाताओं के एक वर्ग को आकर्षित करने के लिए ऐसे ही पुरानी पेंशन योजना (OPS) को वापस लाने के वादे कर रही हैं. अशोक गहलोत ने पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने का यह निर्णय 2023 में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले लिया है. अक्सर सरकारों को चुनावों के समय, मतदाताओं को लुभाने के लिए कुछ नियमों में ढील देनी पड़ती है. हालांकि, अशोक गहलोत का यह कदम अधिकांश सरकारों द्वारा राज्य कर्मचारियों को उनके सामाजिक सुरक्षा दायरे के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) देने के विवेकपूर्ण निर्णय से बहुत अलग है. इस योजना में पेंशन की राशि अंतिम वेतन और कार्य अवधि पर आधारित होगी. पेंशन राशि का एक हिस्सा मुद्रास्फीति से जुड़ा होगा.
NPS अपने ग्राहकों को इक्विटी में अधिक निवेश का विकल्प देता है
पेंशन देने की जिम्मेदारी सरकार की होती है, जिससे समय के साथ सरकारी कोष पर दबाव बढ़ता जाता है. इस समस्या के समाधान के लिए साल 2004 से सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना लागू की गई. इस योजना में ग्राहक संबंधित पेंशन खाते से अपने पसंदीदा विकल्प के अनुसार पेंशन प्रणाली में योगदान देता है, जिससे निवेश के जरिए उसे फायदा (Return) मिलता है. सेवानिवृत्ति कोष, (Retirement corpus) निवेश की गई राशि और पेंशन फंड मैनेजर से मिले रिटर्न पर निर्भर करेगा.
NPS का संचालन करने वाली पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) के अनुसार "योगदान का मूल्य जितना ज्यादा होगा, उतना ही अधिक रिटर्न मिलेगा, जितने लंबे समय तक फंड जमा रहेगा और जितना कम शुल्क काटा जाएगा, पेंशन का लाभ उतना ज्यादा होगा." NPS अपने ग्राहकों को इक्विटी में अधिक निवेश का विकल्प देता है. इससे अगर ग्राहक लंबे समय तक राशि निवेश करता है तो उसे ज्यादा रिटर्न मिलता है. हालांकि इक्विटी के कारण इसमें बहुत जोखिम है. NPS से पेंशनर को ज्यादा रिटायरमेंट सेविंग्स करने में मदद मिलती है जो OPS में संभव नहीं था.पेशन कोष लम्बे समय में बनता है जिससे बाजार के साथ चलने में मदद मिलती है.
समय के साथ, कर्मचारियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए NPS में कई बदलाव किए गए हैं, इसमें निर्धारित समय पर आंशिक भुगतान, प्रवेश की आयु में बढ़त और बेहतर कर-प्रबंध शामिल है. इस साल के केंद्रीय बजट 2022 में राज्य सरकार के कर्मचारियों को मूल वेतन में 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी तक कर से छूट की अनुमति देने का भी प्रस्ताव रखा गया है. सरकार ने NPS को लोकप्रिय बनाने के लिए सभी कदम उठाए हैं और आगे सुधार करने के लिए फीडबैक भी मांगा है.
Rani Sahu
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