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झारखंड कैडर की IAS अधिकारी पूजा सिंघल के ठिकानों से लगभग 20 करोड़ नगद और करोड़ों की संपत्ति के कागजात की बरामदगी पर मुझे हैरत नहीं हुई
DR. Santosh Manav
झारखंड कैडर की IAS अधिकारी पूजा सिंघल के ठिकानों से लगभग 20 करोड़ नगद और करोड़ों की संपत्ति के कागजात की बरामदगी पर मुझे हैरत नहीं हुई. आप पूछ सकते हैं कि ऐसा क्यों ? इसलिए कि अनेक IAS और IPS अधिकारियों के साथ घंटों चाय-पानी का मुझे अनुभव है. मैंने उनकी बातचीत सुनी है. समझा यही है कि हजार में एक बंदा 'शरीफ' मिल जाए, तो बहुत है. मान लेना चाहिए कि अंग्रेजों के ICS के देशी संस्करण IAS यानी माल पीटने वाली मशीन. नेताओं से भी भ्रष्ट प्रजाति.
आठ सौ -हजार करोड़ के स्वामी कैसे ?
ऐसा नहीं होता तो 60 हजार की तनख्वाह से शुरू होकर 25 साल की सेवा के बाद लगभग सवा दो लाख की सैलरी प्रति माह पाने वाले 'साहब' आठ सौ -हजार करोड़ के स्वामी कैसे हो जाते हैं? चौंकिए नहीं, 2016 में आंध्र प्रदेश में एक अधिकारी के पास लगभग आठ सौ करोड़ की संपत्ति का पता चला था. कदाचित इसलिए स्नातक स्तर की एक प्रतियोगिता परीक्षा पास करने वाले युवा-युवती के माता-पिता, रिश्तेदार आहलादित हो जाते हैं कि उनके घर भी एक ATM (आटोमेटेड टेलर मशीन यानी स्वचालित पैसा निकासी मशीन) आ गई. स्नातक स्तर की उस प्रतियोगिता परीक्षा के लिए तीक्ष्ण बुद्धि-ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती है. आवश्यकता होती है, थोड़े संयम, थोड़ी पढ़ाई, पैसा और अवसर की. ऐसा नहीं होता है कि UPSC में सफल होने वाला युवा न्यूटन और कलाम हो. इस देश में मैट्रिक में फेल होने वालों ने भी UPSC की परीक्षा पास की है. उदाहरण अनेक हैं. इसलिए आवश्यकता है कि व्यवस्था बदले और इनके अधिकारों में कटौती हो. बेईमानी पर त्वरित एक्शन हो. बेशुमार अधिकार ही इन्हें उदंड और बेईमान बनाते हैं.
MP गजब है की टीनू जोशी
मूल विषय पर आते हैं. पूजा अकेली नहीं हैं. देश में बहुतेरी पूजा हैं. MP कैडर की IAS अधिकारी थीं टीनू जोशी. बैच 1979. 2010 में इनके घर आयकर का छापा पड़ा. सवा तीन करोड़ नगद मिले. लेकिन, नामी-बेनामी संपत्ति का आकलन हुआ, तो वह दो हजार करोड़ के आसपास पहुंचा. टीनू जोशी को राज्य सरकार की सिफारिश पर 2014 में बरखास्त कर दिया गया. कहानी और भी है. टीनू के पति थे अरविंद जोशी. वे भी IAS अधिकारी. एक ही बैच-1979. एक ही कैडर -MP. एक ही साल जन्म. आस्ट्रेलिया से साथ-साथ MBA किया. एक ही साल UPSC की परीक्षा पास की. विवाह किया. पति-पत्नी जेल गए साथ और दोनों की नौकरी गई एक साथ. अरविंद जोशी मार्च 2022 में मुकदमा और बीमारियों से लड़ते हुए स्वर्गवासी हो गए. टीनू जोशी मुकदमा और बीमारियों से लड़ रही हैं. लेकिन, कहानी खत्म नहीं हुई. जान लीजिए की टीनू के ससुर 75 से 77 तक MP के DGP थे. नाम एच.एम.जोशी.
छत्तीसगढ़ के बाबूलाल
एक हैं छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अधिकारी रहे बाबूलाल अग्रवाल. बैच 1988. 2017 में CBI ने गिरफ्तार किया. तिहाड़ जेल में रहे. अगले साल सेवा से बरखास्त कर दिए गए. 2014 में पत्रकारों की मंडली में रायपुर के एक बंद कमरे में मैंने इनके सदविचार सुने हैं. जानिए कि इनकी संपत्ति पांच सौ करोड़ आंकी गई. 446 बेनामी खाते मिले. ग्यारह ऐसी कंपनियों का पता चला, जिसके जरिए हवाला का काम होता था. और तो और CBI को प्रभावित करने-बचने के लिए महाशय ने दलालों की मदद ली. डेढ़ करोड़ में सौदा किया. पर बच नहीं पाए. दलाल भी पकड़े गए. कहने का आशय यह कि पूजा, टीनू, बाबूलाल देश में भरे हैं. एक से बढ़कर एक धनपशु.
अब तो इस तालाब का पानी बदल दो
आकड़े दस साल पुराने हैं. पर इसमें आपको भारतीय नौकरशाही का अक्श दिख जाएगा. तब यानी 2012-2013 में देश में कुल 4526 IAS अधिकारी थे. इसमें से 450 के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में चार्जशीट दाखिल हो चुकी थी. 943 के खिलाफ CBI जांच चल रही थी. यानी हर चौथा IAS अधिकारी महाभ्रष्ट. भला हो मोदी सरकार का कि वे भ्रष्टों को घर बैठा रही. कहा जा रहा है कि पहले बरखास्त होने वाले IAS अधिकारी अरविंद जोशी थे, जिन्हें मोदी सरकार ने घर बैठाया. मोदी काल में दो दर्जन से ज्यादा IAS घर बैठाए गए हैं. अंग्रेजों ने 1919 में अपने लोगों के लिए जो व्यवस्था बनाई थी. कमोबेश वही व्यवस्था आज भी है. आवश्यकता है कि इस व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन हो. तभी नौकरशाही के दाग कम होंगे.
Rani Sahu
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