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- रोजगार के अवसर पैदा...
भरत झुनझुनवाला। नव इतिहास में कई ऐसे समय आए हैं, जब रोजगार के अवसरों का भारी हनन हुआ है। जैसे कार के आविष्कार से घोड़ागाड़ी का रोजगार समाप्त हो गया अथवा लूम के आविष्कार से हथकरधों का धंधा बंद हो गया, लेकिन अब तक के इतिहास में इसके साथ-साथ नए क्षेत्रों में रोजगार भी पैदा हुए हैं। जैसे हथकरघों के बंद होने के बावजूद कपड़े की मांग बढ़ी और कपड़ा मिलों में भारी संख्या में रोजगार सृजन होते रहे हैं। वर्तमान समय में रोबोट और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी तकनीकों के माध्यम से रोजगार का हनन हो रहा है। हनन का दूसरा कारण बड़े उद्योगों का प्रभुत्व है। फैक्टियों में आज आटोमेटिक मशीन एवं रोबोट से उत्पादन हो रहा है। जैसे चीनी मिल के लगने से गुड़ बनाने वाले तमाम उद्योगों में रोजगार खत्म हुआ है। अगर वही उत्पादन छोटे उद्योगों में होता, तो ज्यादा रोजगार बनते। फिर भी अभी तक के इतिहास में रोजगार क्षरण और सृजन का संतुलन बना रहा है और कुल रोजगार सृजन होता रहा है। वर्तमान में टैक्सी, होटल जैसे अन्य व्यवसायों और छोटे उद्योगों द्वारा माल आपूर्ति करने में रोजगार बन रहे हैं। ई-कामर्स, मोबाइल रिपेयरिंग, आनलाइन ट्यूशन, डाटा प्रोसेसिंग आदि में भी नए रोजगार पैदा हो रहे हैं।