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- हिमाचल में खेल की...
देशभर के खिलाड़ी अगर हिमाचल में आकर प्रैक्टिस करते हैं, तो इसकी वजह को समझना होगा। शिलारू व धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय खिलाडि़यों का आगमन, ऐसे अन्य दर्जन भर केंद्रों को विकसित करने का पैमाना हो सकता है, दूसरे कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत बढ़ावा मिले, तो कुछ दमदार खेलों के लिए हिमाचल के अभ्यास मैदान, आबोहवा व प्रशिक्षण अकादमियों से राष्ट्रीय खेलों को सांसें मिलेंगी। हिमाचल की परिस्थितियों में जेएसडब्ल्यू एनर्जी समूह ने एक सराहनीय कार्य शोल्टू में बॉक्सिंग प्रशिक्षण को लेकर किया है, जहां एक सौ बीस बच्चों को पारंगत किया जा रहा है। यह दीगर है कि पिछले दस सालों में कारपोरेट जगत ने सारे देश में खेलों के उत्थान को मात्र 119 करोड़ दिए, लेकिन जेएसडब्ल्यू समूह ने कर्नाटक में इंस्पायर इंस्टीच्यूट ऑफ स्पोर्ट्स की स्थापना करके कुश्ती, बॉक्सिंग, जूडो, एथलेटिक्स व तैराकी पर विश्व का श्रेष्ठतम प्रशिक्षण शुरू किया है और जिसके नतीजे सामने आ रहे हैं। इस संस्थान में 23 औद्योगिक घराने वित्तीय सहयोग कर रहे हैं। हिमाचल भी इस तर्ज पर खेल संस्थान स्थापित करके देश की खेल यात्रा को आगे बढ़ा सकता है।