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- 'ब्लैक फंगस' का काला...
आदित्य चौपड़ा। कोरोना महामारी किस हद तक भयानक रूप ले सकती है इसका प्रमाण देश में फैलती 'ब्लैक फंगस' बीमारी है। यह उन लोगों को हो रही है जिन्हें कोरोना संक्रमण हो चुका है और वे कमोबेश इससे ठीक भी हो चुके हैं। इस बीमारी का खतरा उन लोगों को सबसे ज्यादा है जो मधुमेह या शुगर के मरीज हैं। भारत में इस समय पूरी दुनिया में शूगर के सबसे ज्यादा मरीज हैं और विश्व की 'शुगर राजधानी' कहा जाता है। बीमारी अभी तक केवल भारत में ही पायी गई है । केवल इक्का-दुक्का ही कोई ऐसा दूसरा देश होगा जहां ब्लैक फंगस का पता चला है। इसकी वजह क्या है यह तो चिकित्सा विशेषज्ञ ही बता सकते हैं परन्तु इतना निश्चित है कि अब यह बीमारी तेजी से फैल रही है। अभी तक पूरे भारत के विभिन्न राज्यों में इसके नौ हजार से ज्यादा मामले प्रकाश में आये हैं जिनमें ढाई सौ से अधिक लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है। चिकित्सा विज्ञानियों का बेशक यह कहना है कि यह 'छूत' की बीमारी नहीं है परन्तु बड़ी उम्र के लोगों को इससे सबसे ज्यादा खतरा है। यह मरीज की आंख में होती है और उसे एक प्रकार की काही या फंगस के नीचे दबा देती है, जिससे उस व्यक्ति की न केवल आंखों की रोशनी ही चली जाती है बल्कि उसकी जान बचाने के लिए शल्य चिकित्सा करके आंख को भी निकालना पड़ता है। एक के बाद एक राज्य सरकारें इसे 'देशज' महामारी घोषित कर रही हैं। इसके इलाज की प्रारम्भिक अचूक दवा का भी अभी तक पता नहीं चला सका है और इसके फैल जाने पर चिकित्सक शल्य चिकित्सा करके या कारगर दवाइयां देकर इसका इलाज करते हैं और किसी प्रकार मरीज की जान बचा पाने में सफल हो पाते हैं। मगर इसका इलाज इतना महंगा होता है कि किसी गरीब आदमी के बस से बाहर की बात होती है।