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- चिंता का पहलू दूरगामी...
उत्तराखंड में हुए ताजा हादसे को देखें तो नुकसान के लिहाज से इसे बहुत बड़ी घटना नहीं माना जाता। इसके बावजूद इसकी खबर दुनिया भर में सुर्खियों में छायी हुई है, तो इसलिए कि इससे जुड़े पहलू का असर दूरगामी10 हो सकता है। यह तय नहीं है कि हादसा ग्लेशियर के फटने से हुआ, या हिमस्खलन से। लेकिन अगर ग्लेशियर का पहलू इसमें है, तो फिर यह बेशक सारी दुनिया के लिए चिंता की बात है। फिलहाल इस बारे में अनुमान ही लगाए जा रहे हैं कि आखिर अलकनंदा और धौलीगंगा नदियों में अचानक पानी का स्तर बढ़ने के पीछे क्या कारण था। जानकारों का अनुमान है कि संभव है कि नंदा देवी ग्लेशियर में बनी एक प्राकृतिक झील फट गई होगी और उसमें जमा पानी अचानक नीचे आ गया होगा। ग्लेशियर बर्फ के बड़े बड़े टुकड़े होते हैं, जो अक्सर नदियों के उद्गम पर स्थान होते हैं। इन्हें हिमनदी या बर्फ की नदी भी कहा जाता है। लेकिन ये जमीन पर बनते हैं ।