सम्पादकीय

बेहद बर्बरता की व्यथा

Gulabi
28 Sep 2021 5:55 AM GMT
बेहद बर्बरता की व्यथा
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देश में सांप्रदायिक तनाव का माहौल है, यह तो आम अनुभव है

इस समाज का विवेक थोड़ा भी कायम है, तो उसे यह आत्म मंथन जरूर करना चाहिए कि यह कैसा भारत बना दिया गया है? और यह कम अफसोसनाक नहीं है कि उस घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर उस कृत्य के समर्थन में हजारों पोस्ट डाल दिए गए। मुद्दा क्या है और उसमें दोषी कौन है, ये दीगर सवाल हैं।

देश में सांप्रदायिक तनाव का माहौल है, यह तो आम अनुभव है। लेकिन ये भावनाएं करुणा और दूसरे की पीड़ा को महसूस करने की इनसानी भावनाओं को भी अगर खत्म करने लगे, तो उस पर आज के माहौल में सिर्फ व्यथित ही हुआ जा सकता है। बीते शुक्रवार को असम के दारांग जिले में जो घटना हुई, उसमें यह बेहद व्यथित करने वाला पहलू था कि एक अर्ध-मृत व्यक्ति के शरीर पर एक फोटाग्राफर पुलिस के संरक्षण में कूद रहा था। अगर इस समाज का विवेक थोड़ा भी कायम है, तो उसे यह आत्म मंथन जरूर करना चाहिए कि यह कैसा भारत बना दिया गया है? और यह कम अफसोसनाक नहीं है कि उस घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर उस कृत्य के समर्थन में हजारों पोस्ट डाल दिए गए। मुद्दा क्या है और उसमें दोषी कौन है, ये दीगर सवाल हैं। लेकिन अगर मान लिया जाए कि मृत व्यक्ति दोषी था, तब भी क्या उसके अर्ध-मृत शरीर पर पुलिस के डंडा बरसाने और उसके संरक्षण में किसी के उछल-कूद करने को जायज ठहराया जा सकता है?
बताया जाता है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू की है। उसी के तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों में ऐसी कार्रवाई की जा रही है। पहले भी कुछ इलाकों में इस दौरान हिंसक झड़पें हुई थी। इसी कवायद के तहत पुलिस बल के साथ दरांग जिले के सिपाझार इलाके में अवैध अतिक्रण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अतिक्रमणकारियों ने पुलिस की टीम पर पथराव किया और लाठियों और दूसरे धारदार हथियारों के साथ हमला बोल दिया। इसके जवाब में पुलिस ने फायरिंग की जिसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कम से कम दो दर्जन लोग घायल हो गए। इनमें आठ पुलिस वाले भी शामिल हैं। बाद में एक घायल ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस सरकारी कहानी पर हम संदेह नहीं जता रहे हैँ। लेकिन आपत्तिजनक यह है कि इस घटना का जो वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, उनमें एक व्यक्ति पुलिसवाले के पीछे लाठी लेकर दौड़ता नजर आया। उसे घेर कर जब बाकी पुलिसवालों ने उस पर लाठी बरसाईहैं, तो वह अधमरा हो गया। उसके बाद पुलिस का क्या कर्त्तव्य था, असल सवाल यहां आकर टिकता है।
नया इण्डिया
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