सम्पादकीय

आतंकी साजिशें बेनकाब

Rani Sahu
6 May 2022 7:14 PM GMT
आतंकी साजिशें बेनकाब
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हरियाणा के करनाल शहर में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के चार आतंकियों को धर दबोचा गया

हरियाणा के करनाल शहर में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के चार आतंकियों को धर दबोचा गया। जम्मू के सांबा में 300 मीटर लंबी सुरंग का पर्दाफाश हुआ। आतंकवाद की ये दोनों साजि़शें एक ही दिन बेनकाब हुई हैं। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान शिव-भक्तों को निशाना बनाकर आतंकी हमला किया जा सकता था। खालिस्तानी आतंकियों को विस्फोटक और हथियारों की खेप तेलंगाना में आदिलाबाद तक पहुंचानी थी। महाराष्ट्र के नांदेड़ का भी जि़क्र किया जा रहा है। आतंक के 'मास्टर माइंड' ने कोई बड़ी, हत्यारी साजि़श तय की होगी, इसका भी खुलासा आतंकियों से पूछताछ और जांच-पड़ताल के बाद सामने आ जाएगा। अलबत्ता दो निष्कर्ष स्पष्ट हैं। एक, पाकिस्तान में खालिस्तान के खाड़कू अब भी सक्रिय हैं। वे भारत के पंजाब में विस्फोटक और हथियारों की सप्लाई करते रहे हैं। वहां से किसी और शहर में साजि़श के ये सामान भेजे जाते रहे हैं।

आतंकी अपने खेल में, बेशक आंशिक तौर पर ही सही, कामयाब होते रहे हैं। बीते दिनों राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में भी विस्फोटक और आईईडी पकड़े गए थे। साजि़शें तब भी बेनकाब की गईं और विस्फोटक को निष्क्रिय कर दिया गया, नतीजतन राजधानी और आसपास के इलाके दहलने से बाल-बाल बचे। बहरहाल दूसरा निष्कर्ष यह है कि जम्मू-कश्मीर अब भी पाकपरस्त आतंकवाद से मुक्त नहीं हो पाया है। जिस सुरंग का खुलासा हुआ है, वह अंतरराष्ट्रीय सीमा से मात्र 150 मीटर दूर है। आश्चर्य यह है कि तकनीकी तौर पर बनाई गई सुरंग का काम किसने अंजाम दिया? और सुरंग खोदने और निर्माण के दौरान उसकी भनक क्यों नहीं लगी? जाहिर है कि इस दुष्चक्र और सांठगांठ में कुछ 'जयचंद' भी शामिल होंगे। पाकिस्तान, उसकी फौज या रेंजर्स ऐसी साजि़शों में बराबर के भागीदार हैं। भारत के पंजाब में खालिस्तानी गुरगों का सरगना भी पाकिस्तान के लाहौर में मौजूद है-हरविंदर सिंह रिन्दा। पंजाब और अन्य इलाकों में रिन्दा के खिलाफ कई आपराधिक मामले लंबित हैं और वह वांछित अपराधी है। करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया ने खुलासा किया है कि 3 आतंकी फिरोज़पुर और एक आतंकी लुधियाना जिले के वासी हैं। इनमें मुख्य आरोपी गुरप्रीत की मुलाकात रिन्दा के गुरगे राजबीर सिंह के साथ लुधियाना जेल में हुई थी। उसके बाद सभी आतंकी एक एप के जरिए रिन्दा के संपर्क में थे और 9 बार विस्फोटक, हथियारों की खेप उस लोकेशन तक पहुंचा चुके थे, जो रिन्दा ने तय की थी। साजि़श का पूरा कारोबार मोबाइल एप के जरिए ही चलता था। रिन्दा आतंकियों को लाखों रुपए मुहैया कराता था।
मौजूदा आतंकियों के पास से भी 1.30 लाख रुपए बरामद किए गए हैं, लिहाजा बहुत संभव है कि रिन्दा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के जाल में जकड़ा गया होगा। कितनी गंभीर और देश-विरोधी साजि़शें चल रही थीं, लिहाजा हमारी पुलिस और खुफिया तंत्र की बुनियादी नाकामी मानी जा सकती है, क्योंकि यह साजि़श लंबे वक्त से जारी थी। बहरहाल आतंकियों के मोबाइल खंगालने से खुलासा हुआ है कि खालिस्तानी आतंकवाद के निशाने पर हमारे बड़े शहर भी थे। वहां विस्फोटक आदि सप्लाई होने के साथ-साथ उन्हें दहलाने की भी साजि़शें रची गई थीं। जब कैप्टन अमरिन्दर सिंह पंजाब के मुख्यमत्री थे, तब वह बार-बार केंद्रीय गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री को ब्रीफ करते थे कि पंजाब में राष्ट्रीय सुरक्षा संकट में है। सरहद पार से ड्रोन के जरिए विस्फोटक, हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रही है। उन्होंने कुछ धरपकड़ भी कराई थी, लेकिन इस बार आतंकी आकाशदीप के ननिहाल के खेत पर ड्रोन से विस्फोटक सामग्री और हथियार कैसे उतारे गए, यह संजीदा सवाल है। सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही हैं? क्या उन्हें ड्रोन आने की आवाज़ भी नहीं सुनाई दी? बहरहाल अदालत ने आतंकियों को 10 दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस के अलावा, गुप्तचर ब्यूरो, सैन्य इंटेलीजेंस आदि भी आतंकियों को खंगाल रही हैं। जम्मू में एनआईए जांच करेगी। यकीनन कई सुराग और साजि़शें बेपर्दा होंगी। चिंता का तथ्य यह भी है कि ऐसी साजि़शें लगातार की जा रही हैं।

क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचलीl


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