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- काबुल में आतंकी धमाके
काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए आत्मघाती हमले ने अफगानिस्तान में उस भीषण दौर की शुरुआत का संकेत दे दिया है जिसकी आशंका थी। कैसी त्रासदी है कि तालिबान शासन में होने वाली दुर्गति से बचने के लिए किसी भी कीमत पर वहां से निकलने को बेकरार लोग एक तरफ विमान के पहियों के नीचे आने या आसमान से गिरने जैसे अंजाम को पहुंच को तैयार हो रहे हैं तो दूसरी तरफ आतंकी हमले का शिकार हो रहे हैं। लेकिन गुरुवार की घटना में मारे जाने वालों में सिर्फ अफगानिस्तान के लोग नहीं हैं। वहां फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में मदद कर रहे 13 अमेरिकी सैनिकों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है। निश्चित रूप से अमेरिका में इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी। लेकिन अमेरिकी सरकार के सामने फिलहाल ज्यादा विकल्प नहीं हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन के बयान से भी इसका संकेत मिलता है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका इसे न तो भूलेगा और न ही माफ करेगा। इसके लिए जिम्मेदार लोग जहां कहीं भी होंगे उन्हें हर हाल में ढूंढकर उनके किए की सजा दी जाएगी।