सम्पादकीय

ड्रोन पर सवार आतंकवाद

Triveni
4 July 2021 2:15 AM GMT
ड्रोन पर सवार आतंकवाद
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जब से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म हुआ है तब से पाकिस्तान हताश है।

आदित्य चोपड़ा| जब से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म हुआ है तब से पाकिस्तान हताश है। सुरक्षा बलों की मुस्तैदी और सख्त कार्रवाई की वजह से पिछले एक वर्ष में राज्य में आतंकी हमलों में काफी कमी आई है परन्तु जैसे ही घाटी के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आमंत्रण स्वीकार कर सर्वदलीय बैठक में भाग लिया और सभी ने दिल खोकर बातचीत की, पाकिस्तान के हुकमरानों को लगा कि बस उनका खेल खत्म होने वाला है। पाकिस्तान की पूरी सियासत भारत विरोध और भारत से घृणा पर केन्द्रित है।

मोहम्मद अली जिन्ना से लेकर इमरान तक सभी कश्मीर राग अलापते रहे हैं। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान ने हमें बहुत जख्म दिये हैं। पाकिस्तान और वहां सक्रिय लश्कर और जैश जैसे आतंकी गिरोह फिर से जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलाने की साजिशों को अंजाम दे रहे हैं। पाकिस्तान के हाथ एक नया हथियार लग गया है, जिसका इस्तेमाल वह धड़ल्ले से कर रहा है। यह बड़े खतरे की बात है कि इस्लामाबाद स्थि​त भारतीय उच्चायोग में भी ड्रोन की घुसपैठ सामने आई है। भारतीय उच्चायोग पर ड्रोन उस समय मंडरा रहा था जब जम्मू एयरबेस पर ड्रोन से हमला हुआ था।
भारत ने पाकिस्तान से कड़ा प्रोटेस्ट जताया है। अब इस बात का खुलासा भी जम्मू में पकड़े गए युवक ने कर दिया है कि उससे बरामद 5 किलो का आईडी पाकिस्तान से लश्कर ने भेजा था, जसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में रखकर बड़ी वारदात की जानी थी। हालां​कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर संघर्ष विराम की स्थिति, तब ड्रोन का इस्तेमाल तनाव बनाए रखने की साजिश के अलावा कुछ नहीं। जिस तरह से इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में ड्रोन देखा गया, वह भी कूटनीतिक सभ्यता के विरुद्ध है। कूटनीतिक और अन्तर्राष्ट्रीय व्यवहार की एक गरिमा होती है लेकिन पाकिस्तान कूटनीतिक शिष्टाचार भूल चुका है। जो पाकिस्तान एक विफल राष्ट्र के रूप में अपनी छवि बना चुका है, उसकाे सम्मान पाने की कोई चिंता ही नहीं। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान को हर जगह अपमानित होना पड़ा है। अमेरिका में तो इमरान को बहुत शर्मिंदा होना पड़ा था, वहीं सऊदी अरब जैसा मित्र देश भी उन्हें मुंह नहीं लगा रहा। पाकिस्तान को अब धूर्त चीन का सहारा है। चीन ने उसको ड्रोन दिए हैं जिसका इस्तेमाल वह भारत के विरुद्ध कर रहा है। भारतीय सैन्य बल ड्रोन को हल्के में नहीं ले रहे। सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे ने भी ड्रोन के खुलेआम मिलने पर चिंता जताई है। भारतीय सुरक्षा बलों को ड्राेन हमले की आशंका देखते हुए सभी ठिकानों पर अलर्ट जारी कर दिया है। जम्मू में एंटी ड्रोन सिस्टम से लेकर सभी तकनीकी व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि किसी भी ड्रोन को मार ​गिराया जा सके। स्पष्ट है कि सुरक्षा बलों को नई रणनीति पर काम करना होगा। ड्रोन हमले छोटे जरूर हैं लेकिन इसके आयाम बड़े हैं। कुछ रक्षा विशेषज्ञ काफी समय से चेतावनी दे रहे हैं कि चीन की मदद से पाकिस्तान अब युद्ध क्षमता को अगले स्तर पर ले जा रहा है। ड्रोन उड़ाना भी आसान नहीं है, इसके लिए भी प्रशिक्षण की जरूरत होती है। पाकिस्तान के नानस्टेट एक्टर्स को और आतंकी संगठन को न केवल ड्रोन बल्कि उन्हें ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
जिस मुल्क ने हम पर चार-चार बार आक्रमण​ किया हो, श्रीनगर विधानसभा पर आक्रमण कराया, मुम्बई हमला कराया, लोकतंत्र के मंदिर संसद पर हमला कराया, जम्मू से लेकर गुजरात तक मंदिरों को अपवित्र किया। सैकड़ों छोटे-बड़े नरसंहार किये। उसकी शह पर जेहादी आज भी कश्मीर में बाज नहीं आ रहे। मुठभेड़ों में सुरक्षा बल उन्हें लगातार ढेर कर रहे हैं।
इस पाकिस्तान को हमें मुंहतोड़ जवाब देना ही होगा। ड्रोन उड़ाने वालों को कूटनीतिक शिष्टाचार सिखाना ही होगा। भारत को हर हालत में अपने स्वाभिमान की रक्षा करनी है। एक कवि की चार पंक्तियां समर्पित कर रहा हूं-
''मूंद-मूंद के पृष्ठ, शील का गुण जो सिखलाते हैं
वज्रायुद्ध को पाप, लौह को दुर्गुण बतलाते हैं
मन की व्यथा समेट, न तो अपनेपन से हारेगा
मर जाएगा स्वयं, सर्प को अगर नहीं मारेगा।''


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