सम्पादकीय

Terror Mission 2047: देश में अस्थिरता और सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का मामला

Rani Sahu
18 July 2022 3:02 PM GMT
Terror Mission 2047: देश में अस्थिरता और सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का मामला
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सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) और पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) की आड़ में बिहार में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का संचालन एक बहुत ही खतरनाक उद्देश्य की ओर इशारा कर रहा है

सोर्स- Jagran

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) और पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) की आड़ में बिहार में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का संचालन एक बहुत ही खतरनाक उद्देश्य की ओर इशारा कर रहा है, जिसकी पड़ताल गंभीरता से करते हुए ऐसे सफेदपोशों के चेहरे से नकाब हटाने की जरूरत है। इन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किए जाने की जरूरत है, क्योंकि यह देश की अस्मिता और सुरक्षा से जुड़ा सवाल है।
बिहार के विभिन्न हिस्सों में ये लोग सामाजिक संगठन की आड़ में जिस तरह अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए समाज में नफरत और मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे थे, उसे हल्के में कतई नहीं लिया जा सकता है। प्रारंभिक जांच में ही इनके संबंध विदेश से होने के भी प्रमाण मिले हैं, जो इस ओर इशारा कर रहे कि देश में अस्थिरता और सांप्रदायिक उन्माद फैलाने में ये किस तरह निर्देशित होते हुए भारत विरोधी ताकतो का सहयोगी बने हुए थे।
आश्चर्य यह कि इतने दिनों से ये सक्रिय थे, पर इसके बारे में स्थानीय प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। कार्रवाई तब हुई, जब इंटेलीजेंस ब्यूरो ने इनकी कार्यशैली और मिशन के बारे में सचेत किया। जब कार्रवाई शुरू हुई और इन संगठनों के सदस्य पकड़े गए हैं तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिसमें देश के संविधान और संप्रभुता से खिलवाड़ का बहुत बड़ा षड्यंत्र सामने आया है।
यह और भी गंभीर मुद्दा है कि इसके सदस्य स्वयं को समाज के हितैषी के रूप में प्रचारित करते हुए विभिन्न जगहों पर काम कर रहे हैं, जिसमें बिजनेस करने वाले भी हैं और शिक्षक के रूप में पढ़ाने वाले भी, जिनका उद्देश्य बहुत ही घृणित है। लखनऊ से नुरूद्दीन की गिरफ्तारी से अब यह बात भी सामने आ गई कि उसके पास संगठन के सदस्यों को न्यायिक सहायता पहुंचाने का दायित्व था और वह स्वयं इस संगठन का सदस्य है। अभी छोटे स्तर के आरोपित पकड़े गए हैं।
समाज के लोगों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है कि भारत के ये दुश्मन यहां के सद्भाव और यहां की संप्रभुता की ओर आंख उठाकर भी नहीं देख सकें। पुलिस प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि इनके नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।


Rani Sahu

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