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- आतंक और दोस्तीः...
तो जैसी अकटलें थीं, वह होने लगा है। भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी रोकने से संबंधों में सुधार की हुई शुरुआत अब फिर से व्यापार शुरू करने तक पहुंच गई है। जल्द ही यह सुधार क्रिकेट संबंधों में दिखेगा। फिर राजनीतिक स्तर पर भी ये दिखे, इस बात की पूरी संभावना है। मगर इस बीच गौर की एक बात यह है कि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अपनी तरफ से अपने 'मुख्य मुद्दे' पर सख्त रुख बनाए हुए है। इस घटनाक्रम पर गौर कीजिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान दिवस पर इमरान खान को खत लिखकर शुभकामनाएं दी थीं। अपने संदेश में उन्होंने "भरोसे के ऐसे वातावरण की जरूरत" बताई थी, जिसमें आतंक और शत्रुता ना हो। इमरान ने अब उस खत का जवाब दिया। अपने खत में उन्होंने यह भी लिखा कि पाकिस्तान दिवस उस दिन का उत्सव मनाने के लिए मनाया जाता है, जिस रोज 'हमारे संस्थापकों ने एक ऐसे देश की स्थापना की थी, जिसमें सभी लोग सुरक्षित और शांति से रह सकें।' क्या ये बात एक बार फिर से दो-राष्ट्र के सिद्धांत के जताना नहीं है? और क्या यह एक तरह से भारत के आज के हालात पर कटाक्ष करना नहीं है?