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ये लाइनें दुष्यंत कुमार की एक गजल की हैं- तेरा निज़ाम है सिल दे जुबान शायर की, ये एहतियात जरूरी है इस बह़र के लिए। कहा जाता है कि दुष्यंत कुमार ने ये लाइनें 1975-77 के आपातकाल की पृष्ठभूमि में लिखी थीं। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि ये आज के लिए ही लिखी गई हैँ। इस बात को अब सच उत्तर प्रदेश के उन्नाव में किया गया है। वहां आठ ट्विटर हैंडल चलाने वाले लोगों पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है। उनका दोष यह है कि उन्होंने वहां तीन दलित लड़कियों की मिली लाश के बारे में ट्विट किए थे। जिन लोगों पर मुकदमा हुआ है, उनमें कांग्रेस नेता उदित राज, कुछ पत्रकार और दलित अधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं। यूपी पुलिस का कहना है कि उदित राज ने भी अपने ट्वीट के जरिए गलत और भ्रामक जानकारी फैलाने का काम किया। जबकि उदितराज का कहना है कि उन्होंने जो ट्वीट किया था, वह पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले के बयान के आधार पर किया था, जिसमें उन्होंने आशंका जताई थी कि मृत लड़कियों के साथ हो सकता है कि रेप भी हुआ हो।