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कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के बीच टेलीमेडिसिन का प्रयोग एक बेहतर विकल्प
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | लालजी जायसवाल। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से कई राज्यों में एक बार फिर से भयावह स्थिति पैदा हो गई है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ना तय है। लोग साधारण बीमारी में भी कोरोना के भय से अस्पताल में भर्ती होना ज्यादा उचित समझ रहे हैं जिससे वायरस के बढ़ने के साथ अनायास ही स्वास्थ्य ढांचे पर भी दबाव पड़ रहा है। ऐसे में मरीज घर बैठे ही ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से चिकित्सकों से समय लेकर जरूरी परामर्श ले सकते हैं। इसका फैलाव सभी छोटे अस्पतालों तक किया जा रहा है, जिससे लोगों को घर बैठे राहत प्रदान किया जा सके। हमें यहां तक ध्यान रखना होगा कि अगर व्यक्ति कोरोना संक्रमित भी होता है तो भयभीत हुए बिना, पूरे विश्वास के साथ सबसे पहले टेलीमेडिसिन के माध्यम से डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। देखा जा रहा है कि संक्रमण की वजह से आक्सीजन सेचुरेशन कम होते ही लोग कम जानकारी की वजह से हॉस्पिटल जाना तय करते हैं। यह सही तरीका नहीं है। सर्वप्रथम यह जानना चाहिए कि आक्सीजन सेचुरेशन कितना होना चाहिए?