सम्पादकीय

ओपीएस पर बंटा शिक्षक संघ, राजकीय अध्यापक संघ का आरोप, क्रेडिट लेने के लिए हो रही राजनीति

Triveni
18 Dec 2022 9:16 AM GMT
ओपीएस पर बंटा शिक्षक संघ, राजकीय अध्यापक संघ का आरोप, क्रेडिट लेने के लिए हो रही राजनीति
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फाइल फोटो 

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के राज्य प्रधान नरेश महाजन ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री व मुकेश अग्निहोत्री को उपमुख्यमंत्री बनने पर संघ की और से बधाई और शुभकामनाएं दी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के राज्य प्रधान नरेश महाजन ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री व मुकेश अग्निहोत्री को उपमुख्यमंत्री बनने पर संघ की और से बधाई और शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही संघ के राज्य प्रधान ने वीरेंद्र चौहान द्वारा अपने को हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का राज्य प्रधान बताने वाले नेता पर हैरानी जताई है। वहीं, ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर एनपीएस संघ का भी ये कहना है कि वीरेंद्र चौहान खुद को क्रेडिट लेने में लगे हैं। उन्होंने तंज कसा है पहले सरकार ओल्ड पेंशन को बहाल तो करे उसके बाद नेता इस मामले पर राजनीति करे। इस मामले में सोशल मीडिया पर टिप्पणी की जा रही है।

संघ का कहना है कि उक्त नेता को राज्य कार्यकारिणी के महासचिव श्याम लाल हांडा, राज्य वितसचिव देव राज ठाकुर, शिमला जिला प्रधान महावीर कैंथला, ऊना जिला प्रधान डा. किशोरी लाल और सभी चुने हुए जिला प्रधान इसके बुरे व्यवहार के कारण छोड़ कर चले गए, लेकिन फिर भी अपने को राज्य प्रधान बताना समझ से परे है। आरोप उठ रहे है हैं कि इसने अपंगता का प्रमाण पत्र देकर नौकरी ली जिसकी जांच सरकार कर रही थी। अब अनाप-शनाप ब्यानबाजी करके कांग्रेस सरकार का हितैषी होने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपना कर अपना तबादला करवाने का पूरा जोर लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा है कि वीरेंद्र चौहान खुद एक धोखेबाज और झूठे इनसान है जिसने संघ का पैसा खाया है। राज्य प्रधान नरेश महाजन ने कहा कि अगर सरकार सभी संघो की राय ले तो पता लग जाएगा कि कौन सही और कौन गलत है। इसलिए संघ ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग की है कि उक्त नेता को ज्यादा तवज्जों न देकर इसके पिछले सारे रिकार्ड की जांच करे और इसे तत्काल प्रभाव से शिक्षा विभाग से बर्खास्त करे। दूसरी ओर हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की ओर से तीन दिन पहले एक प्रेस वार्ता की गई थी और इसमें वीरेंद्र चौहान ने खुद को हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ एवं हिमाचल प्रदेश सयुंक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष बताया था। उन्होंने भाजपा सरकार पर कर्मचारियों का उत्पीडऩ करने की बात कही थी और ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल न करने के भी आरोप लगाए थे।

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