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- बात हुई, उत्साह गायब
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया। लेकिन इसको लेकर भारत सरकार में ज्यादा उत्साह नहीं देखा गया है। क्या इसका कारण लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनका जताया गया संकल्प है? मुमकिन है कि भारत सरकार को बाइडेन की ये टिप्पणी भी नागवार गुजरी हो कि लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति वचनबद्धता भारत- अमेरिका संबंधों का आधार है।
भारतीय जनता पार्टी सरकार इन दिनों ऐसी बातों को लेकर खासा संवेदनशील हो गई है। बहरहाल, आज अमेरिका भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकता, क्योंकि उसकी मुख्य चिंता चीन की बढ़ती ताकत को नियंत्रित करना है। इसीलिए जो बाइडेन ने चार देशों के समूह- क्वैड की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर डाला और दक्षिण सागर में मुक्त नौवहन के प्रति दोनों देशों के संकल्प की पुष्टि की। लेकिन दोनों देशों के बीच असहमति का एक नया मुद्दा म्यांमार में सैनिक तख्ता पलट के रूप में उभरा है।