सम्पादकीय

त्वरित कदम उठाएं

Rani Sahu
5 Jan 2022 12:34 PM GMT
त्वरित कदम उठाएं
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देश की राजधानी दिल्ली में ‘सप्ताहांत कफ्र्यू’ समेत अनेक पाबंदियों के एलान से यह साफ हो जाना चाहिए कि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर तेजी से गंभीर रूप लेती जा रही है

देश की राजधानी दिल्ली में 'सप्ताहांत कफ्र्यू' समेत अनेक पाबंदियों के एलान से यह साफ हो जाना चाहिए कि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर तेजी से गंभीर रूप लेती जा रही है। दिल्ली में इसकी पॉजिटिविटी दर 8.37 फीसदी पर पहुंच गई है, तो वहीं गोवा में यह 26.43 प्रतिशत के आंकडे़ को छू चुकी है। ऐसे में, बगैर आतंकित हुए पर्याप्त एहतियात बरतने की जरूरत है। ओमीक्रोन वेरिएंट की संक्रमण क्षमता को देखते हुए न तो यह दर अप्रत्याशित है और न ही हमारा तंत्र इस बार गाफिल है। फिर ज्यादातर स्वास्थ्य विशेषज्ञ ओमीक्रोन वेरिएंट के लक्षणों को देखते हुए इसे कम जोखिम वाला बता रहे हैं। अलबत्ता, तमाम राज्य सरकारों को भरपूर सतर्कता बरतनी होगी। कई राज्य रात्रिकालीन कफ्र्यू लगा चुके हैं, तो कई जगहों पर टीकाकरण अभियान को तेज करने के साथ दूसरे कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन एक कमी तमाम राज्यों में समान रूप से देखी जा सकती है, वह है लोगों के स्तर पर लापरवाही। सार्वजनिक स्थलों पर अनिवार्यत: मास्क पहनने और भीड़भाड़ से बचने की हर हिदायत जैसे हरेक जगह दम तोड़ रही है।

कोविड की इस नई लहर को हल्के में लेने की कोई भी हिमाकत फिर से गंभीर मुसीबत खड़ी कर सकती है। उदाहरण हमारे सामने है। अमेरिका में पर्याप्त टीकों व तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद करोड़ों लोगों ने अपने नागरिक अधिकारों का हवाला देते हुए वैक्सीन लगवाने से परहेज बरता। आज आलम यह है कि नए संक्रमण के मामलों की संख्या एक दिन में 10 लाख के आंकड़े को पार कर गई है। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी का ताजा अध्ययन बताता है कि अमेरिका में संक्रमण-दर उस सर्वोच्च शिखर को छूने लगी है, जो अप्रैल 2020 में थी। तीसरी लहर ने दुनिया भर में अस्पतालों पर दबाव बढ़ा दिया है और कई मुल्कों में तो सख्त लॉकडाउन की वापसी हो गई है। इसलिए भारत सरकार को अपनी तरफ से वे तमाम जरूरी कदम उठाने चाहिए, ताकि वह नौबत ही न आने पाए, जो कई यूरोपीय मुल्क अभी भुगत रहे हैं।
महामारी के शुरुआती दिनों से डब्ल्यूएचओ लगातार आगाह करता आ रहा है कि जब तक दुनिया के हरेक मुल्क की बहुसंख्य आबादी का टीकाकरण नहीं होगा, इस वायरस के नए-नए वेरिएंट मानवता को घाव देते रहेंगे। ओमीक्रोन की संक्रामकता से दुनिया अभी जूझ ही रही है कि अब फ्रांस से एक और नए शक्तिशाली वेरिएंट के पैदा होने की खबरें आ रही हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि केंद्र सरकार खास तौर से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर जांच की अचूक व्यवस्था सुनिश्चित करे। भारत में करोड़ों लोग अभी टीकाकरण के सुरक्षा दायरे के बाहर हैं। ऐसे में, उनके लिए तीसरी लहर में कहीं अधिक जोखिम है। सुखद बात यह है कि अब न तो टीकों की कमी है और न ही जांच की। इसलिए स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी से विशेषकर उन राज्यों में टीकाकरण को गति देने की जरूरत है, जो इसमें पिछड़े हुए हैं। जिस तरह से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनावी रैलियों में हुजूम उमड़ रहा है, वह बेहद जोखिम भरा साबित हो सकता है। चुनाव आयोग को इसका फौरन संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि देश न तो अब दूसरी लहर की तरह गंगा में लाशों को तैरते देखना चाहेगा और न ही अपनी अर्थव्यवस्था को ऐतिहासिक गर्त में लोटते हुए।

हिन्दुस्तान

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