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- गांवों की सुधि लें:...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | केंद्र सरकार ने गांवों में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जो दिशानिर्देश जारी किए, केवल वही पर्याप्त नहीं। उसे यह देखना होगा कि राज्य सरकारें और उनका प्रशासन इन दिशानिर्देशों के अनुरूप काम कर पा रहा है या नहीं? संसाधनों के अभाव का सामना करने वाले ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्यों को बहुत तेजी से बहुत कुछ करने की जरूरत है। गांवों में केवल स्वास्थ्य ढांचा ही कमजोर नहीं है, बल्कि प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारियों का भी अभाव है। कायदे से बीते एक वर्ष में इन कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से जूझने के लिए प्रशिक्षित कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन लगता है कि ऐसा नहीं किया गया और इसीलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को यह कहना पड़ा कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को रैपिड एंटीजन टेस्टिंग के लिए प्रशिक्षित किया जाए। यह काम युद्धस्तर पर तत्काल प्रभाव से करना होगा, क्योंकि समय कम है। गांवों में कोरोना संक्रमण न केवल पहुंच चुका है, बल्कि कहर भी ढा रहा है। देश के कुछ ग्रामीण इलाके तो ऐसे हैं, जहां संक्रमण का असर शहरों से अधिक दिख रहा है।