सम्पादकीय

T20 World Cup: भारत के साथ कम मैच खेलना पाकिस्तान के लिए फायदेमंद रहा

Rani Sahu
25 Oct 2021 6:37 PM GMT
T20 World Cup: भारत के साथ कम मैच खेलना पाकिस्तान के लिए फायदेमंद रहा
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T20 World Cup 2021 के दौरान भारत-पाकिस्तान के मैच पर सोशल मीडिया के विचार भले ही अलग होंगे

T20 World Cup 2021 के दौरान भारत-पाकिस्तान के मैच पर सोशल मीडिया के विचार भले ही अलग होंगे, लेकिन रविवार की शाम ने परंपरा और अतीत दोनों को बदल कर रख दिया.यह केवल वर्ल्ड कप के आंकड़ों में काम करने वाले लॉ ऑफ एवरेज का ही मामला नहीं था, बल्कि यह मामला पाकिस्तान की बैटिंग का था- जो कभी इतना मजबूत नहीं था- जिसने एक ऐसे स्कोर को पीछा किया, जो भले ही बहुत विशाल नहीं था लेकिन प्रतिस्पर्धी तो था ही. यह भारतीय बॉलिंग उस शोहरत के खिलाफ भी था, जहां माना जाता है कि भारतीय बॉलिंग खतरनाक और अनुशासित होती है.

भारत, कभी भी किसी टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में दस विकेट से नहीं हारा. पाकिस्तान भी कभी भी टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच दस विकेट से नहीं जीता. पाकिस्तान पर कमेंट्री करते हुए, जैसा कि नासिर हुसैन ने कहा, "यदि आपने इतना लंबा इंतजार किया है तो आप इतना विशेष भी कर सकते हैं." 'विशेष' शब्द इसका वर्णन नहीं करता. बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान की साझेदारी मन को मोह लेने वाली थी. यह केवल रिजवान के अचानक पड़ने शॉट या बाबर आजम का धैर्यपूर्ण खेल की बात नहीं है, बल्कि स्ट्रोक खेलने के बाद की उनकी रणनीति की भी है. क्रीज पर वे कैसे दौड़ लगा रहे थे, डाइव कर रहे थे, फिसल रहे थे और फिर तेजी से दौड़ रहे थे, ऐसा लग रहा था कि जैसे उनके जूतों के सोल पर आग लग गई हो.
क्या एक अतिरिक्त बॉलर, स्पिनर, रखने के बजाए हार्दिक पंड्या को चुनना सही फैसला था ?
रिजवान और बावर ने भारतीय पारी की तुलना में 13 गेंदे कम खेलीं, लेकिन चौकों की संख्या उतनी ही थी जितनी भारतीयों की और सिक्स महज एक ज्यादा था. बाकी के रन उन्होंने दौड़कर ही पूरा किए, उन्होंने 51 सिंगल, 10 डबल और एक बार तीन रन लिए. यहां तक कि विजयी रन भी एक डबल था. कप्तान बाबर विकेट के बीच जोरों की दौड़ लगाते, चिल्लाते और फिर कुछ ही क्षणों में भावशून्य चेहरा बना लेते.भारतीय टीम को आत्मनिरीक्षण करने, पोस्टमार्टम करने और अपने गुस्साए प्रशंसकों के प्रकोप को शांत करने के लिए एक हफ्ते का समय मिल गया है. उन्हें अपनी जोड़ियों के बारे में सोचने की जरूरत हैं, विशेष रूप से तब जब एमएस धोनी (या मेंटर सिंह, जैसा कि उन्हें कुछ कंमेट्री में कहा जा रहा था) से भारतीय टीम की खामियों को दूर करने की उम्मीद की जा रही है. भारतीय टीम को सोचना होगा कि क्या एक अतिरिक्त बॉलर, स्पिनर, रखने के बजाए हार्दिक पंड्या को चुनना सही फैसला था, या भुवनेश्वर कुमार की जगह शार्दुल ठाकुर को रखना चाहिए था.
भारतीय गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन
हतोत्साहित करने वाली बात केवल यह नहीं है कि पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने किस तरह रनों का पीछा किया, बल्कि भारतीय गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन भी है. स्वाभाविक रूप से तुलना की जाएगी कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने कैसा खेल दिखाया, मैन ऑफ द मैच रहे शाहीन शाह अफरीदी ने अपनी क्रूर कलाइयों से गोली की तरह गेंद फेंके. भारतीयों को बांध कर रख दिया. भारत और पाकिस्तान ने अंतिम बार World T20 मैच इडन गॉर्डन में 2016 के वर्ल्ड कप के दौरान खेला था. इसकी चर्चा रही है कि भारत-पाकिस्तान के बीच उतनी तीखी प्रतिस्पर्धा नहीं दिखाई पड़ती, पाकिस्तान क्रिकेट अपने पड़ोसी से काफी पीछे है. चाहे बात पैसों की या बड़े नामों की, हर कोई भारतीय क्रिकेट से पीछे रह जाता है, टी-20 के मामले में तो चीजें और भी बदल जाती हैं.
क्रिकेट की दुनिया में आईपीएल के दो नए फ्रेंचाइजी
भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत कम मैच होते है और खास बात यह है कि टी-20 लीग मैचों में इनका खेल आयोजित कराना, भारत-पाकिस्तान के संदर्भ में महज एक सिंद्धात लगता है. आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को न खिलाना और भारत के बाहर टी-20 लीग मैचों से भारतीय खिलाड़ियों को दूर रखने की वजह से दोनों देशों के खिलाड़ी महज टीवी पर ही एक दूसरे से मैच को देख पाते हैं. इसलिए एक दूसरे की तकनीक को समझने का मौका नहीं मिल पाता. साथ ही, दोनों के बीच की यादें, शोक, खोने के अवसरों की भी कमी होती है. वर्ल्ड कप में पाकिस्तान का भारत के खिलाफ रिकॉर्ड वैसे भी कमजोर है, किंतु रविवार को यह भी फायदेमंद साबित हुआ.
बहुत जल्द ही, क्रिकेट की दुनिया में आईपीएल के दो नए फ्रेंचाइजी सामने आ जाएंगे, दोनों पर भारी पैसा लगाया जाएगा. यह भी जान लें कि इन दस आईपीएल टीमों के पास अफरीदी 2.0, बाबर, रिजवान या हैरिस रउफ को शामिल करने का विकल्प भी नहीं होगा.
70 फीसदी टिकट भारतीयों को बेचे गए
गेम से ठीक पहले एक पाकिस्तानी चैनल से फोन पर हुई बात पर मुझे पता चला कि दुबई स्टेडियम में 70 फीसदी टिकट भारतीयों को बेचे गए हैं और पाकिस्तानी फैंस की संख्या बहुत अधिक नहीं रहने वाली है. टिकट के इस हिस्से को टीवी पर देखा जा सकता था, क्योंकि पाकिस्तानियों की तुलना में भारतीय टीम जर्सी पहने लोगों की संख्या ज्यादा थी. यह भी देखने को मिल रहा था कि वे एक दूसरे के साथ बैठे हुए थे (न मास्क लगाए थे और उनमें सामाजिक दूरी थी). यह इस बात का उदाहरण था कि न्यूज एंकर या राजनीतिज्ञों द्वारा दूर किए गए लोग कैसा व्यवहार करते हैं. मैदान पर भी दोनों देशों के खिलाड़ियों ने इसी बात को दोहराया. मैच खत्म होने के बाद भुवी ने गर्मजोशी के साथ पाकिस्तानी बल्लेबाजों को बधाई दी, कोहली ने रिजवान को गले लगाया, इसमें कोई शक नहीं है कि कोहली उनकी तारीफ की हो और कहा हो कि उन्होंने बेहतर खेल दिखाया.
निश्चित तौर पर इस बार वर्ल्ड कप में भारत की पाकिस्तान से हार हुई है, क्योंकि T20 अंतरराष्ट्रीय मैचों वे कभी नहीं हारे थे. लेकिन ऐसा नहीं है कि पूरी दुनिया उजड़ गई है. न ही अभी प्रतियोगिता का अंत हुआ है और भारत जानता है कि वह एक अपेक्षाकृत आसान ग्रुप में है. हां, भारत-पाकिस्तान का यह वर्ल्ड कप मैच अंतिम क्षणों तक रोमांच देने वाला मैच नहीं था, लेकिन इसने कई यादगार पल दिए हैं. टॉस के बाद बाबर कोहली के करीब से गुजरे और अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को "गुड लक, भाई " कहते हुए नजर आए. भले यह एक सामान्य रिमार्क है, लेकिन यह लगभग असंभव था कि बाबर किसी दूसरे कैप्टन के लिए भाई शब्द का इस्तेमाल करेंगे. यह याद रखने योग्य है.

TV9 Hindi

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