सम्पादकीय

दुनिया की दृष्टि बदलने वाले स्वामी विवेकानंद, शिकागो में बजाया था भारतीय धर्म-संस्कृति का डंका

Tara Tandi
11 Sep 2021 3:35 AM GMT
दुनिया की दृष्टि बदलने वाले स्वामी विवेकानंद, शिकागो में बजाया था भारतीय धर्म-संस्कृति का डंका
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कैन पर डायट लिखे होने की वजह से डायट सोडा पीकर भले ही मन को शांति मिले लेकिन ये सेहत के लिए भी सही है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कैन पर डायट लिखे होने की वजह से डायट सोडा पीकर भले ही मन को शांति मिले लेकिन ये सेहत के लिए भी सही है ये सोचने की गलती न करें क्योंकि इसमें अलग तरह के स्वीटनर्स का इस्तेमाल किया जाता है तो कई सारी सेहत संबंधी समस्याओं की वजह बन सकते हैं। कभी-कभार पीना ठीक है लेकिन अगर आपको डायट सोडा पीने की आदत सी है तो इसे अभी ही बदल लेने की जरूरत है। आइए जरा जान लेते हैं इसे पीने से किस तरह के नुकसान होते हैं।

अत्यधिक चीनी की मात्रा
रेगुलर सोडा की जगह लोग डाइट सोडा इसलिए चुनते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इसमें चीनी की मात्रा नहीं होती, जबकि सच्चाई यह है कि डाइट सोडा में एस्पार्टेम, साइक्लामेट, सैकरीन, एसेसल्फ़ेम-के और सुक्रालोज़ जैसा आर्टिफिशियल शुगर होते हैं। जो नेचुरल शुगर से ज्यादा शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।
बढ़ाता है वजन
कैन पर डाइट लिखा है ये देखकर लोग एक के बाद एक दिन में कम से कम दो से तीन डाइट सोडा निपटा लेते हैं। कुछ लोग तो पानी को भी इससे रिप्लेस करने की गलती करते हैं। जिसका नतीजा मोटापे के रूप में कुछ हफ्तों और महीनों में नजर आने लगता है।
हार्ट डिजीज़ और डायबिटीज का खतरा
आर्टिफिशियल शुगर टाइप-2 डायबिटीज़ पेशेंट्स में एकदम से इंसुलिन के स्तर को बढ़ा देता है जिसे बॉडी एब्जॉर्ब नहीं कप पाती। जिससे कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर की समस्याएं बढ़ सकती हैं। जो स्ट्रोक और हार्ट अटैक की वजहें होती हैं।
न्यूट्रिशन में जीरो
अगर आपको लगता है कि डाइट सोडा पीकर आपने कुछ हेल्दी ड्रिंक लिया है तो ये एक और बड़ी भूल है क्योंकि ऊपर हमने आपको बताया ही कि कैसे तमाम दावों के बावजूद इसमें आर्टिफिशियल शुगर्स की मात्रा शामिल होती है। तो आप खुद सोचिए किस तरह से ये हेल्थ की कसौटी पर खरा उतरता है।




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