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- जंगलों को आग से बचाने...
विश्व में गर्मियों में कई जंगलों में भीषण आग लगती है और उससे न केवल मीलों फैले जंगल तबाह हो जाते हैं, अपितु जंगलों में रहने वाले पशु-पक्षी और जीव-जंतु भी अपनी जान गंवा देते हैं। 2019-20 में ऑस्ट्रेलिया में जंगलों में आग की घटना को कौन भूल सकता है? 18 मिलियन हेक्टेयर जंगल जल कर राख हो गए थे, कितने ही जंगली जानवरों ने आग की लपटों में खुद को असहाय भस्म होने के लिए सौंप दिया था। इस आग को ब्लैक समर बुश फायर का नाम दिया गया था। हिमाचल तथा उत्तराखंड के जंगलों में गर्मियों में अधिकतम आग लगने की घटनाएं होती हैं। चीड़, देवदार, रई के पौधे तेजी से आग पकड़ते हैं। सूखी घास, चीड़ की सूखी पत्तियां सूरज की तेज़ किरणों से आग पकड़ सकती हैं। आग धीरे-धीरे सुलगती है और देखते-देखते मीलों फैले जंगल राख होने लगते हैं। यही नहीं, जंगल में सभी प्राणी अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। उन्हें बचाना बहुत कठिन होता है। तेजी से फैल रही आग को काबू में करना बहुत ही जटिल कार्य होता है।