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- समर्थन मूल्य का
किसान और सरकार दोनों ही चाहते हैं कि किसान की आय में तीव्र वृद्धि हो। लेकिन इस वृद्धि को कैसे हासिल किया जाए, इस पर दोनों में मतभेद हैं। किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने से उन्हें अपने प्रमुख उत्पादों का उचित मूल्य मिल जाएगा और तदनुसार उनकी आय भी बढ़ेगी। दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने से सरकार के लिए अनिवार्य हो जाएगा कि चिन्हित फसलों का जितना भी उत्पादन हो, उसे सरकार को खरीदना होगा। ऐसे में धान, गन्ना अथवा गेहूं जैसी फसलों का उत्पादन बढ़ेगा, परंतु इस बढ़े हुए उत्पादन की खपत देश में नहीं हो सकती है। इसलिए इनका निर्यात करना होगा जिससे कि सरकार पर दोहरा बोझ पड़ेगा। पहले इन फसलों को महंगा खरीदना होगा और उसके बाद इन्हें विश्व बाजार में सस्ता बेचना होगा। इसलिए यद्यपि समर्थन मूल्य से किसान की आय में वृद्धि होगी, परंतु उससे देश पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और संपूर्ण देश की आय में गिरावट आएगी